ईशनिंदा के आरोप में 2010 में काट दिया था प्रोफेसर का दाहिना हाथ, आरोपी अब हुआ गिरफ्तार; जानें क्या है 13 साल पुराना मामला
2010 Hand Chopping Case केरल में साल 2010 में न्यूमैन कालेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ काटने का मामला सामने आया था। इस मामले में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI के एक आरोपी सदस्य को 13 साल बाद NIA ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को कन्नूर जिले के मट्टनूर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी अपराध करने के बाद से फरार था।
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। 2010 Hand Chopping Case: केरल में ईश निंदा के आरोप में प्रोफेसर की कलाई काटने वाले प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI के एक सदस्य को 13 साल बाद NIA ने गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि इडुक्की जिले के थोडुपुजा में चार जुलाई, 2010 को न्यूमैन कालेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ का दाहिना हाथ काटने वाले मुख्य आरोपित सवाद उर्फ शाहजहां की गिरफ्तारी पर दस लाख रुपये का इनाम रखा गया था। उसे बुधवार सुबह कन्नूर जिले के मट्टनूर से गिरफ्तार किया गया है।
NIA के प्रवक्ता ने बताया कि सवाद अपराध करने के बाद से फरार था। वह कन्नूर में पत्नी और दो बच्चों के साथ किराये के मकान में रह रहा था। वह वहां बतौर बढ़ई काम करता था।
वहीं, स्थानीय निवासी नौफाल ने बताया कि सवाद ने कसूरगढ़ में PFI की राजनीतिक शाखा (SDPI) से जुड़े व्यक्ति की बेटी से शादी की है। एर्नाकुलम का रहने वाला सवाद उन सात आरोपितों में शामिल है जिन्होंने प्रोफेसर टीजे जोसेफ के दाहिने हाथ की कलाई को तब काटा था जब वह अपनी मां और बहन के साथ चर्च से घर लौट रहे थे। हमलावरों ने उन्हें यह कह कर धमकाया था कि कालेज की परीक्षा में उन्होंने ईशनिंदा संबंधी सवाल पूछे थे।
हमले का मास्टरमाइंड अभी भी छिपा बैठा है- प्रोफेसर जोसेफ
मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी के बारे में प्रोफेसर जोसेफ से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि इस हमले का मुख्य अपराधी यानी मास्टरमाइंड अभी भी छिपा बैठा है। जांच अभी उन तक पहुंच ही नहीं पाई है। इससे पता चलता है कि हमारी कानून व्यवस्था अभी उतनी परिपक्व नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए राहत हो सकती है, पर उन्हें इसमें उतनी ही रुचि है जितनी अन्य लोगों को होगी।उल्लेखनीय है कि इस मामले में एनआइए अदालत ने पहले पकड़े जा चुके छह दोषियों में से तीन को पिछले साल जुलाई में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और इसे एक आतंकी घटना बताया था।