Parakram Diwas: परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे जाएंगे 21 द्वीपों के नाम, PM मोदी होंगे कार्यक्रम में शामिल
सोमवार को पराक्रम दिवस के अवसर पर 21 द्वीपों का नाम परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। पीएम इस अवसर पर सभी द्वीपों के नामकरण करेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sun, 22 Jan 2023 01:59 PM (IST)
नई दिल्ली। पराक्रम दिवस के अवसर पर सोमवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की एक विज्ञप्ति के अनुसार, सोमवार को पराक्रम दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित एक समारोह में अंडमान और निकोबार के 21 बड़े अनाम द्वीपों का नाम परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर रखा जाएगा।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती 23 जनवरी को हर साल 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाई जाती है।
रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर सुभाष चंद्र बोस के नाम पर
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति का सम्मान करने के लिए, 2018 में द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप कर दिया गया था। नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का भी नाम बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया।राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नामकरण समारोह में हिस्सा लेंगे। इस दौरान पीएम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले 'नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल' का भी अनावरण करेंगे।सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर रखा जाएगा, जो 3 नवंबर, 1947 को श्रीनगर हवाई अड्डे के पास पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए कार्रवाई में शहीद हो गए थे। बडगाम की लड़ाई के दौरान उनकी वीरता और बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
दूसरे सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम दूसरे परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता, सूबेदार और मानद कप्तान (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपना परमवीर चक्र अर्जित किया, जहां टिथवाल सेक्टर पर नियंत्रण के लिए लड़ाई लड़ी गई थी।पीएमओ ने कहा कि यह कदम देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, "यह कदम हमारे नायकों के लिए एक चिरस्थायी श्रद्धांजलि होगी, जिनमें से कई ने राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए बलिदान दिया था।"