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2014 से साल 2020 तक 300 से ज्यादा अधिकारियों ने समय से पहले लिया रिटायरमेंट, सरकार की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

केंद्रीय मंत्री ने 2014 और 2020 के बीच समय से पहले रिटायर्ड होने वाले अधिकारियों को लेकर डाटा शेयर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 300 से ज्यादा अधिकारी हैं जिन्होंने समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया हो। बता दें कि ग्रुप ए और बी कर्मचारियों के लिए नियम एफआर 56 जे के तहत प्रीमैच्‍योर रिटायरमेंट कर्मचारी को 50 साल से पहले दिया जा सकता है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Published: Sun, 30 Jun 2024 12:25 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2024 12:25 PM (IST)
सरकार की रिपोर्ट में प्रीमैच्‍योर रिटायरमेंट को लेकर खुलासा (file photo)

एजेंसी, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 2014 और 2020 के बीच समय से पहले रिटायर्ड होने वाले अधिकारियों को लेकर जानकारी दी है। राज्यसभा के साथ साझा की गई जानकारी के अनुसार, 2014 और 2020 के बीच कुल 340 अधिकारी समय से पहले रिटायर्ड हो गए।

बता दें कि ग्रुप ए और बी कर्मचारियों के लिए, नियम एफआर 56 जे के तहत प्रीमैच्‍योर रिटायरमेंट कर्मचारी को 50 साल से पहले दिया जा सकता है। यदि वह 35 साल की उम्र से पहले सेवा में शामिल हुआ है। ग्रुप सी के कर्मचारियों के लिए, सार्वजनिक हित प्रीमैच्‍योर रिटायरमेंट समय से 30 साल की सेवा पूरी करने के बाद दिया जा सकता है।

इस नियम के तहत 30 साल के बाद मिलेगा रिटायरमेंट

वहीं नियम 48(1)(बी) भी सरकार को सार्वजनिक हित में 30 साल की सेवा पूरी करने के बाद किसी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने की अनुमति देता है। समय से पहले होने वाले रिटायरमेंट के लिए दिशानिर्देश डीओपीटी की तरफ से 2020 में जारी किए गए थे। ये संबंधित विभागों की तरफ से सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए बनाए गए थे।

प्रीमैच्‍योर रिटायरमेंट के लिए जारी किए थे निर्देश

साथ ही प्रशासनिक मशीनरी को मजबूत करना और सरकारी कार्यों में मजबूती और सभी स्तरों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए ये दिशानिर्देश जारी किए गए थे। कर्मचारियों के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करने में कुछ केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की ढिलाई की ओर इशारा करते हुए केंद्रीय और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि वे सार्वजनिक हित में समय से पहले सेवानिवृत्ति के लिए अयोग्य और उपयुक्त मामलों का पता लगाएं।

साथ ही 1972 के नियम 48 के तहत समीक्षा के लिए कर्मचारियों की पहचान करें, और उनके मामलों को जल्द से जल्द समीक्षा समिति को प्रस्तुत करें।

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