Hyderabad: फ्रॉड पड़ा भारी! PNB के पूर्व एजीएम समेत 4 लोगों को बैंक धोखाधड़ी के मामले में पांच साल की सजा
हैदराबाद की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बंजारा हिल्स शाखा की पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में एक पूर्व सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) सहित चार लोगों को बैंक से धोखाधड़ी करने के आरोप में पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है।(सांकेतिक तस्वीर)
By AgencyEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 10 May 2023 11:21 AM (IST)
हैदराबाद, एएनआई। हैदराबाद की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बंजारा हिल्स शाखा की पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में एक पूर्व सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) को धोखाधड़ी के आरोप में कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सीबीआई अदालत ने पूर्व एजीएम के साथ चार लोगों को पांच साल के कड़े कारावास की सजा सुनाई है। इन सभी आरोपियों पर 53.82 करोड़ रुपये के लोन में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है।
75 हजार रुपये का लगा जुर्माना
अदालत ने पीएनबी के तत्कालीन एजीएम आरपी गर्ग, शीतल रिफाइनरीज लिमिटेड के तत्कालीन एमडी जितेंद्र कुमार अग्रवाल, सुधीर भूरारिया और मनीष भूरारिया को 75,000 रुपये के जुर्माने के साथ जेल की सजा सुनाई है। सीबीआई द्वारा मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, अदालत ने शीतल रिफाइनरीज लिमिटेड कंपनी पर भी 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
53.82 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
सीबीआई ने 19 फरवरी, 2016 को शीतल रिफाइनरीज लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी करने और पंजाब नेशनल बैंक को 53.82 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।बैंक को सौंपे थे सभी दस्तावेज फर्जी
सीबीआई ने 19 फरवरी 2016 को शीतल रिफाइनरीज लिमिटे के निदेशकों के खिलाफ कथित रूप से बैंक धोखाधड़ी करने और पीएनबी से 53.82 करोड़ रुपये का नुकसान करने के लिए मामला दर्ज किया था। आरोपी ने कथित तौर पर बैंक को झूठे बयान, दस्तावेज और जानकारी पेश की थी। उन्होंने शेयर आवेदन राशि, क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए झूठे स्टॉक स्टेटमेंट और गलत जानकारी के साथ ऑडिटेड बैलेंस शीट भी सौंपी थी। साथ ही आरोपियों ने चार एलसीएस खोले और एलसीएस में शर्तें एक समान नहीं थीं।
पीएनबी के पूर्व एजीएम ने नहीं की पूरी जांच
तत्कालीन एजीएम ने चालान और पुष्टिकरण पत्रों की राशि में अंतर की जांच नहीं की थी, जिसके परिणामस्वरूप बैंक द्वारा उधारकर्ता को अधिक भुगतान किया गया था। आरोपी एजीएम ने आईबीए द्वारा अनुमोदित ट्रांसपोर्टरों के माध्यम से माल परिवहन की शर्त भी नहीं लगाई थी और आरोपी को लॉरी रसीद जमा करने की अनुमति दी थी जहां ट्रांसपोर्टर आईबीए की अनुमोदित सूची में नहीं था। इसके अलावा, उन्होंने एलसी नियमों और शर्तों में संशोधन किया था।यह भी पढ़ें- Karnataka Election: युवाओं के साथ बैठें बुजुर्ग और उन्हें सलाह दें कि मतदान क्यों है जरूरी- नारायण मूर्ति