असम-मेघालय सीमा के 50 साल पुराने विवाद को जुलाई में मिल सकता है अंतिम रूप!
सुप्रीम कोर्ट की ओर से असम-मेघालय के बीच चल रहे विवाद को लेकर मेघालय सरकार की याचिका पर जुलाई में सुनवाई की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से मेघालय हाईकोर्ट के 8 दिसंबर 2022 वाले आदेश को चुनौती दी थी।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Mon, 10 Apr 2023 01:56 PM (IST)
Assam-Meghalaya Border Dispute: असम-मेघालय के बीच चल रहे विवाद को लेकर मेघालय सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जुलाई में सुनवाई की जाएगी। इस याचिका में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा समझौते विज्ञापन पर रोक लगाने को लेकर उच्च न्यायालय को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कहा गया कि इस मामले पर जुलाई में सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि इस याचिका को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री द्वारा सोमवार को गलत तरीके से सूचीबद्ध किया गया है। हम इसे जुलाई में रखेंगे।
हाईकोर्ट के आदेश को राज्य सरकार ने दी चुनौती
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से मेघालय हाईकोर्ट के 8 दिसंबर, 2022 वाले आदेश को चुनौती दी थी। इसमें सीमा विवाद के निपटारे के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के द्वारा साइन किए गए MOU पर रोक लगा दी गई थी। इससे पहले राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का विरोध भी किया था। इसे लेकर कहा गया था कि दोनों राज्यों के बीच सीमाओं में बदलाव और क्षेत्रों के आदान-प्रदान से संबंधित मुद्दों को राजनीतिक रूप से तय किया गया।अमित शाह की उपस्थिति में हुआ था निपटारा
याचिका में कहा गया है कि दोनों राज्यों की तरफ से साइन किया गया MOU निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से सीमाओं का सीमांकन करने के लिए राज्यों के बीच एक संप्रभु अधिनियम है। बता दें कि ये समझौता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में किया गया था। इस दौरान छह क्षेत्रों के संबंध में बकाया सीमा विवादों का निपटारा किया गया था। इसके बाद ही पूरा मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। फिर मेघालय हाईकोर्ट की एकल पीठ ने समझौते के तहत सीमाओं में बदलाव या फिर सीमा चौकियों के निर्माण पर पिछले साल 9 दिसंबर को रोक लगा दी थी। बाद में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत में अपील दायर की।
असम और मेघालय सीमा के बीच 50 साल पुराना विवाद
दोनों राज्यों के बीच चल रहा सीमा विवाद 50 साल पुराना है। इन राज्यों के बीच की सीमा करीब 884.9 किलोमीटर लंबी है। साल 1972 में मेघालय को असम से अलग कर नए राज्य का दर्जा मिला था। लेकिन नए राज्य ने असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को चुनौती दी थी, जिससे 12 सीमावर्ती स्थानों को लेकर विवाद पैदा हो गया था।