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देशभर के अदालतों में जजों के 5597 पद खाली, कानून मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 359 पद रिक्त हैं। एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि देश भर में जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में 5238 पद खाली हैं। मेघवाल ने कहा कि मौजूदा रिक्तियों को शीघ्र भरने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Thu, 01 Aug 2024 10:15 PM (IST)
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कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 359 पद खाली हैं।
एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 359 पद रिक्त हैं। एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि देश भर में जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में 5238 पद खाली हैं। मेघवाल ने कहा कि मौजूदा रिक्तियों को शीघ्र भरने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

जजों की नियुक्ति करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी

उन्‍होंने कहा कि देश की जिला अदालतों में रिक्त पदों को भरना उच्च न्यायालयों और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मेघवाल ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित 24 प्रस्ताव प्रसंस्करण के विभिन्न चरणों में हैं।

देशभर के हाईकोर्टों में 359 पद खाली

उन्होंने आगे कहा कि 25 जुलाई 2024 तक, सर्वोच्च न्यायालय 34 न्यायाधीशों (सीजेआई सहित) की अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है। जहां तक उच्च न्यायालयों का सवाल है, स्वीकृत 1114 न्यायाधीशों की संख्या के मुकाबले 755 न्यायाधीश काम कर रहे हैं और विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 359 पद रिक्त हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए 205 प्रस्ताव सरकार और सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम के बीच प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं। 154 रिक्तियों के लिए सिफारिशें अभी भी उच्च न्यायालय कॉलेजियम से प्राप्त होनी बाकी हैं।