हिमालय की ऊंचाइयों पर मिला 60 करोड़ साल पुराना समुद्री जल, IISC और जापान के वैज्ञानिकों ने की खोज
हिमालय की ऊंचाइयों पर वैज्ञानिकों को 60 करोड़ साल पुराना समुद्री जल मिला है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये खनिज तत्व प्राचीन समुद्री स्थितियों जैसे पीएच रसायन विज्ञान और समस्थानिक संरचना के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं। यह जानकारी पृथ्वी के इतिहास में महासागरों और यहां तक कि जीवन के विकास से संबंधित सवालों के जवाब देने में मदद कर सकती है।
बेंगलुरु, पीटीआई। हिमालय की ऊंचाइयों पर वैज्ञानिकों को 60 करोड़ साल पुराना समुद्री जल मिला है। यह खोज भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) और जापान के निगाटा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने की। वैज्ञानिकों को खनिज भंडार में फंसी पानी की बूंदें मिली हैं, जो संभवत: 60 करोड़ साल पुराने समुद्र से पीछे छूट गईं। वैज्ञानिकों के दल ने इन खनिज तत्वों की खोज पश्चिमी कुमाऊं, अमृतपुर से मिलम ग्लेशियर तक और देहरादून से गंगोत्री ग्लेशियर क्षेत्र में की।
पृथ्वी के इतिहास को समझने में मिलेगी मदद
शोधकर्ताओं का मानना है कि ये खनिज तत्व प्राचीन समुद्री स्थितियों जैसे पीएच, रसायन विज्ञान और समस्थानिक संरचना के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं। यह जानकारी पृथ्वी के इतिहास में महासागरों और यहां तक कि जीवन के विकास से संबंधित सवालों के जवाब देने में मदद कर सकती है।
बेंगलुरु की आइआइएससी ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि जांच में खनिज तत्वों में कैल्शियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट दोनों मिले हैं। इससे वैज्ञानिकों को समझने में आसानी हो सकती है कि किस प्रकार की घटनाओं से पृथ्वी के इतिहास में एक बड़ा आक्सीजनेशन हुआ होगा।
समुद्री चट्टानों के मिलने से पृथ्वी के बारे में मिलेगी और जानकारी
बयान के अनुसार, वैज्ञानिकों को मानना है कि 50-70 करोड़ साल पहले बर्फ की मोटी चादरें धरती को ढकती थीं, जिसे हिमनदी कहा जाता था। इसके बाद पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की मात्रा बढ़ी और इसे दूसरी महान आक्सीजनेशन की घटना कहा गया। इससे अंतत: जटिल जीवन रूपों का विकास हुआ। हालांकि आइआइएससी ने कहा कि हिमालय में समुद्री चट्टानों के मिलने से कुछ उत्तर मिल सकते हैं।