77th Independence Day 2023: 77वें स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेशी हथियारों से दी गई 21 तोपों की सलामी, देखें वीडियो
2023 77th Indian Independence Day in Hindi आज 15 का दिन है और पूरा देश स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है। आजादी के 77वें साल के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी 21 तोपों की सलामी दी गई। मगर इस साल 21 तोपों की सलामी कुछ खास है क्योंकि यह पहली बार है जब स्वदेशी तोपों से सलामी दी गई है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 15 Aug 2023 10:57 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आज 15 अगस्त का दिन है और पूरा देश स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है। आजादी के 77वें साल के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी 21 तोपों की सलामी दी गई। मगर, इस साल 21 तोपों की सलामी कुछ खास है क्योंकि यह पहली बार है जब स्वदेशी तोपों से सलामी दी गई है।
इस स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' के सपने को साकार करते हुए इस साल स्वदेशी 105 एमएम लाइट फील्ड गनों का इस्तेमाल किया गया है। भारतीय सेना अधिकारी ने कहा "आज औपचारिक सलामी के हिस्से के रूप में 105 मिमी लाइट फील्ड गन से फायरिंग की गई। यह पहली बार है कि इन स्वदेशी बंदूकों का इस्तेमाल स्वतंत्रता दिवस समारोह में औपचारिक फायरिंग के लिए किया गया है।"
राष्ट्र के नाम पीएम का संबोधन
भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्रचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सेनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत के आर्थिक विकास ने देश के रक्षा क्षेत्र को मजबूत किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए रक्षा सुधार लगातार चल रहे हैं कि भारतीय सैनिक हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहें।#WATCH दिल्ली: आज औपचारिक सलामी के हिस्से के रूप में 105 मिमी लाइट फील्ड गन से फायरिंग की गई। यह पहली बार है कि इन स्वदेशी बंदूकों का इस्तेमाल स्वतंत्रता दिवस समारोह में औपचारिक फायरिंग के लिए किया गया है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 15, 2023
(वीडियो सोर्स: भारतीय सेना अधिकारी) pic.twitter.com/JY4ep3PqYr
सिलसिलेवार बमबारी के दिन अब खत्म
पीएम मोदी ने कहा, "मेरे प्रिय परिवार के सदस्यों, हम अतीत में समय-समय पर बम विस्फोट की घटनाओं के बारे में सुनते थे। संभावित बम के डर के बारे में लोगों को सचेत करने वाली घोषणाएं होती थीं। वहां एक चेतावनी लिखी होती थी कि 'इस बैग को मत छुओ' आदि। लेकिन आज देश सुरक्षित है। जब कोई देश सुरक्षित होता है, तो वह लगातार प्रगति करता है। सिलसिलेवार बमबारी के दिन अब खत्म हो गए हैं।"