82 साल की जैनब बी देती हैं कुरान की तालीम, रामायण की चौपाइयां कंठस्थ
रामायण की चौपाइयां जैनब बी को कंठस्थ हैं। मुस्लिम समाज के बच्चे कुरान की तालीम लेने आते हैं तो मोहल्ले के हिंदू परिवार चौपाल पर बैठकर रामायण-गीता का ज्ञान लेते हैं।
उज्जैन, नईदिल्ली। उम्र 82 वर्ष उस पर सालों का अकेलापन। यह स्थिति किसी को भी तोड़ सकती है, पर जैनब बी दूसरों से अलग हैं। वे ऐसे बुजुर्गो के लिए मिसाल हैं। इस आयु में वे प्रतिदिन 40 से अधिक बच्चों को कुरान सहित उर्दू व अरबी भाषा की तालीम दे रही हैं। खास बात यह भी है कि उन्हें समान रूप से हिंदू धर्मग्रंथों का भी ज्ञान है। रामायण की चौपाइयां जैनब बी को कंठस्थ हैं। मुस्लिम समाज के बच्चे कुरान की तालीम लेने आते हैं तो मोहल्ले के हिंदू परिवार चौपाल पर बैठकर रामायण-गीता का ज्ञान लेते हैं।
अनूठा गुरुकुल
जैनब बी का अनूठा गुरुकुल मक्सी रोड स्थित पांड्याखेड़ी में संचालित हो रहा है। वे बताती हैं, उनका जन्म बड़वानी जिले के राजपुर में हुआ था और परिवार की इकलौती संतान थी। भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय पिता यह कहकर पाकिस्तान गए थे, जल्द ही वहां कामकाज जम जाने पर आकर ले जाएंगे। हालांकि वे फिर नहीं लौट सके। कई जगहों पर रहने के बाद 1964 में उज्जैन आई और यहीं की होकर रह गई। सालों पहले बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था, कब से यह ठीक से याद नहीं। कुरान के साथ ही समान रूप से हिंदू धर्मग्रंथों का भी अध्ययन किया है। वे रामायण की चौपाइयां जिस प्रकार सुनाती हैं, सुनने वाले हतप्रभ रह जाते हैं। तालीम हासिल कर रहे बच्चे जो कुछ भी दे देते हैं, उसी से उनका गुजारा चल जाता है।
कोई भी रोग नहीं
क्षेत्रवासी बताते हैं कि जैनब बी इस उम्र में भी काफी सक्रिय रहती हैं। कोई रोग नहीं है और कभी दवाई-गोली की भी जरूरत नहीं पड़ी। बगैर चश्मे के ही पढ़ती हैं। सुबह-शाम की दो शिफ्ट में बच्चों को पढ़ाती हैं।