देश में 2015 के बाद मलेरिया के मामलों में 86 प्रतिशत की आई गिरावट, रिपोर्ट के हवाले से नए तथ्य भी आए सामने
मलेरिया उन्मूलन की ओर भारत का सफर शीर्षक वाली रिपोर्ट में बताया गया गया है कि 2017 और 2019 के बीच मलेरिया से लड़ने के लिए भारत का बजटीय आवंटन दोगुने से अधिक हो गया। सरकार ने 2030 तक देश से मलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Wed, 22 Jun 2022 10:27 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसियां। मलेरिया संक्रमण के मामलों में देश में 2015 के बाद से 86 प्रतिशत की गिरावट आई है। 2015 और 2021 के बीच इससे होने वाली मौतों की संख्या में भी 79 प्रतिशत की कमी आई है। गैर सरकारी संगठन 'मलेरिया नो मोर' की एक रिपोर्ट के हवाले से ये तथ्य सामने आए हैं।
सरकार ने 2030 तक देश से मलेरिया को समाप्त करने का रखा लक्ष्यमलेरिया उन्मूलन की ओर भारत का सफर शीर्षक वाली रिपोर्ट में बताया गया गया है कि 2017 और 2019 के बीच मलेरिया से लड़ने के लिए भारत का बजटीय आवंटन दोगुने से अधिक हो गया। सरकार ने 2030 तक देश से मलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।
महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान किया जाना अभी बाकी: रिपोर्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान किया जाना अभी बाकी है। इसमें निजी क्षेत्र, व्यक्तियों और समुदायों से बीमारी के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भागीदारी शामिल है। मलेरिया के मामलों की प्रभावी रूप से सूचना देने में निजी क्षेत्र की भागीदारी, बिना लक्षण वाले मलेरिया के मामलों का पता लगाना, सही समय पर मामलों की सूचना देना और प्रौद्योगिकी नवाचार ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें अधिक काम करने की आवश्यकता है।
मलेरिया को गरीब आदमी की बीमारी के रूप में है माना जातामलेरिया नो मोर के कंट्री डायरेक्टर प्रतीक कुमार ने मलेरिया पर आयोजित एक मीडिया वर्कशाप में कहा कि भारत में मलेरिया को गरीब आदमी की बीमारी के रूप में माना जाता है। इस प्रकार सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंडे में इसे कम प्राथमिकता दी जाती है। सरकार को इस ओर और ध्यान बढ़ाने की जरूरत है।यह भी पढ़ें : Weather Update: अगले चार दिनों तक देश के इन हिस्सों में होगी झमाझम बारिश, जारी हुआ अलर्ट; जानिए आपके क्षेत्र में कब बरसेंगे बदरा