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'बूथ कैप्चरिंग की 925 में से 875 शिकायतें अकेले बंगाल से', सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

कानून मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि चुनाव आयोग (ईसी) को 2024 के लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान बूथ कैप्चरिंग के संबंध में 925 शिकायतें मिली हैं लेकिन उनमें से तीन को छोड़कर बाकी सभी का निपटारा कर दिया गया क्योंकि बाकी झूठी या निराधार पाई गईं। बूथ कैप्चरिंग की शिकायतों के बारे में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने चुनाव आयोग की जानकारी उपलब्ध कराई।

By Babli Kumari Edited By: Babli Kumari Updated: Thu, 25 Jul 2024 08:04 PM (IST)
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इस बार बूथ कैप्चरिंग की 925 शिकायतें मिली (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि हालिया लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बूथ कैप्चरिंग की 925 शिकायतें मिली थीं। इनमें से सबसे ज्यादा 875 शिकायतें अकेले बंगाल से प्राप्त हुई थीं। कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने चुनाव आयोग के डाटा के हवाले से बताया कि 14 लोग गिरफ्तार किए गए थे।

मंत्री ने सदन में एक लिखित जवाब में यह विवरण साझा किया। उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश से एक शिकायत मिली थी। इस राज्य में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी हुए थे। यहां दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जबकि बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ कैप्चरिंग की 47 शिकायतें मिली थीं।

भर्ती प्रणालियों का विस्तृत अध्ययन कर रही NRA

सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षा कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की भर्ती प्रणालियों का विस्तृत अध्ययन कर रही है। कैबिनेट ने सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए आनलाइन परीक्षा कराने के लिए 2020 में इस एजेंसी को मंजूरी दी थी। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। यह पूछा गया था कि क्या एनआरए ने स्थापना के बाद कोई भर्ती परीक्षा आयोजित की है?

सूचना आयोग में सीआइसी व दो आयुक्त कर रहे काम

सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि केंद्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) और दो सूचना आयुक्त काम कर रहे हैं। सूचना का अधिकार के तहत यह आयोग अपील एवं शिकायतों की सुनवाई करता है और इसमें अधिकतम 10 सूचना आयुक्त हो सकते हैं। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

छत्तीसगढ़ से विस्थापित आदिवासी लौटने को तैयार नहीं

सरकार ने संसद में बताया कि वामपंथी उग्रवाद के चलते छत्तीसगढ़ से विस्थापित आदिवासी परिवार राज्य में लौटने को तैयार नहीं हैं। इनके लिए पुनर्वास योजनाओं और सुरक्षा शिविरों के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध है। इसके बावजूद वे तैयार नहीं हैं। राज्यसभा में केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास ने कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम के एक प्रश्न पर यह जानकारी दी।

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