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903 करोड़ रुपये के चीनी निवेश धोखाधड़ी का पर्दाफाश, चीनी नागरिकों सहित 10 को हैदराबाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

हैदराबाद पुलिस ने निवेश कराने के नाम पर किए गए लगभग 903 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में उसने दो चीनी नागरिकों सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।1.6 लाख रुपये का निवेश करने के बाद युवक हुआ था धोखाधड़ी का शिकार।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 12 Oct 2022 10:33 PM (IST)
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हैदराबाद पुलिस ने किया 903 करोड़ रुपये के चीनी निवेश धोखाधड़ी का पर्दाफाश। (फोटो-एएनआइ)

हैदराबाद, आइएएनएस। हैदराबाद पुलिस ने निवेश कराने के नाम पर किए गए लगभग 903 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। इस मामले में उसने दो चीनी नागरिकों सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। लोक्सम नामक एक निवेश एप में 1.6 लाख रुपये का निवेश करने के बाद एक युवक धोखाधड़ी का शिकार हो गया था। उसकी शिकायत के बाद हुई जांच में यह पूरा मामला सामने आया। जांच करने पर पता चला कि शिकायतकर्ता का पैसा इंडसइंड बैंक के खाते में जिंदाई टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जमा किया गया था।

मनी चेंजर का नाम आया सामने

पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए कहा कि विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए लाइसेंस प्राप्त मनी चेंजर इस धोखाधड़ी में शामिल हैं। उन्हें विदेश यात्रा करने वालों को विदेशी मुद्रा देने का लाइसेंस दिया गया था। लेकिन उन्होंने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन किया।

चीनी और ताइवानी नागरिक को किया गया गिरफ्तार

दिल्ली और मुंबई से हवाला रैकेट चलाने के आरोप में चीनी नागरिक लेक उर्फ ली झोंगजुन और ताइवानी नागरिक चू चुन-यू को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अन्य आरोपितों में साहिल बजाज, सनी उर्फ पंकज, वीरेंद्र सिंह, संजय यादव, नवनीत कौशिक, मोहम्मद परवेज, सैयद सुल्तान और मिर्जा नदीम बेग शामिल हैं। सीवी आनंद के अनुसार, दिल्ली के रहने वाले कौशिक ने पिछले साल दो मनी एक्सचेंज रंजन मनी कार्प प्राइवेट लिमिटेड और केडीएस फारेक्स प्राइवेट लिमिटेड के लिए आरबीआइ से लाइसेंस लिया था।

हवाला के जरिए 903 करोड़ रुपये की हुई धोखाधड़ी

जांच में पता चला है कि रंजन मनी कार्प के खाते में सात माह के दौरान 441 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। जबकि, 462 करोड़ रुपये का लेन-देन केडीएस फारेक्स द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि हवाला के जरिए 903 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। जब पुणे के वीरेंद्र सिंह को एक पीड़ित की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया तो पूछताछ में उसने बताया कि चीनी नागरिक जैक के आदेश पर जिंदाई टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक बैंक खाता खोला और उसे बैंक खाते का इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड दे दिया।

दोनों के खातों में एक ही मोबाइल नंबर

जांच के दौरान पता चला कि बेटेनच नेटवर्कस प्राइवेट लिमिटेड और जिंदाई टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों में एक ही फोन नंबर है। दिल्ली के संजय यादव ने लेक उर्फ ली झौंजौ के निर्देश पर बेटेनच का खाता खोला। इसी तरह उसने 15 अन्य बैंक खाते खोले और इन्हें ताइवान के चू चुन-यू को दे दिए, जो अस्थाई रूप से मुंबई में रह रहा है। मंगलवार को उसे मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया। वह अन्य देशों को खाता विवरण, यूजर आइडी, पासवर्ड भेज रहा था।

प्रति खाता मिलता था 1.2 लाख रुपये का कमीशन

संजय यादव और वीरेंद्र राठौर को प्रति खाता 1.2 लाख रुपये का कमीशन मिलता था। जांच में यह बात सामने आई कि पैसा जिंदाई टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड के खाते से 38 अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया। जिंदाई टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड के 38 खातों से बड़ी रकम रंजन मनी कार्प और केडीएस फारेक्स प्राइवेट लिमिटेड को स्थानांतरित की गई। खाते में मिले पैसे को अंतरराष्ट्रीय दौरों के नाम पर चलाए जा रहे फारेक्स एक्सचेंज में भेजा जा रहा था।

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