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'Deepfake खतरे से लड़ने के लिए रूपरेखा की जाएगी तैयार...', आईटी मंत्री चंद्रशेखर ने कहा- जरूरत पड़ी तो बनाया जाएगा कानून

Deepfake केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार लोगों को एआई और डीपफेक के माध्यम से उत्पन्न होने वाली गलत सूचनाओं से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इससे निपटने के लिए फ्रेमवर्क बनाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो एक नया कानून लाया जाएगा।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 21 Nov 2023 02:56 PM (IST)
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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ( फोटो- ANI )
 एएनआई, नई दिल्ली। डीपफेक के मामले को लेकर सरकार सख्त है। पीएम मोदी से लेकर अभिनेत्री रश्मिका मन्दाना तक इस डीपफेक की शिकार हो चुकी हैं। इसके बढ़ते मामले और खतरे को लेकर  आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने चिंता जताते हुए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है।  केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार लोगों को एआई और डीपफेक के माध्यम से उत्पन्न होने वाली गलत सूचनाओं से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ढांचा बनाना जारी रखेगी और अगर जरूरत पड़ी तो एक नया कानून लाया जाएगा। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि डीपफेक या गलत सूचना भारतीयों के लिए खतरा पैदा न करें।

आवश्यक हुआ तो बनाएंगे नया कानून 

केन्द्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने डीपफेक फ्रेमवर्क के हिस्से के रूप में कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह नया कानून बनाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बड़े पैमाने पर डीपफेक या गलत सूचना खतरा पैदा न करें। उन्होंने कहा 1.2 अरब भारतीयों की सुरक्षा और विश्वास को खतरा न हो जो भारतीय इंटरनेट का उपयोग करेंगे।

#WATCH | Delhi | On PM Narendra Modi's statement on deepfake and misuse of AI, Union Minister Rajeev Chandrasekhar says, "We continue to engage with all the platforms. I have always said that the platforms and the government are partners in ensuring that the internet in India is… pic.twitter.com/jg6gskzhdQ

— ANI (@ANI) November 21, 2023 ify;">

चंद्रशेखर ने कहा कि एआई इनोवेशन व विकास के लिए महत्वपूर्ण साधन है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इंटरनेट पर ऐसे भी लोग हैं जो एआई का इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने और उससे नुकसान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं। इससे समाज को नुकसान हो सकता है और यहां तक कि ¨हसा भी भड़क सकती है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए हमने अप्रैल 2023 में तैयार किए गए आईटी कानून में भी प्रविधान लाए हैं।

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