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G-20 सम्मेलन में भारत की समृद्ध संस्कृति की दिखी झलक, विश्व की ऐतिहासिक वस्तुएं भी आईं नजर

प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में हिस्सा लेने आए राष्ट्राध्यक्षों व मेहमानों का स्वागत करने के लिए जो स्थान चुना था इसके पीछे कोणार्क के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के चक्र की प्रतिकृति लगी थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को प्रतिकृति से परिचित भी कराया। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात भारत मंडपम स्थल पर विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों और विश्व के अन्य नेताओं का स्वागत किया।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 10 Sep 2023 10:55 PM (IST)
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भारत मंडपम के सांस्कृतिक गिलयारे में विश्व की ऐतिहासिक वस्तुएं भी नजर आईं

नई दिल्ली, पीटीआई। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की समृद्ध संस्कृति वैश्विक आयोजन के केंद्र में रहीं। इनमें कोणार्क मंदिर, नालंदा विश्वविद्यालय, नटराज की मूर्ति, ऋग्वेद की पांडुलिपियां, भीमबेटका के गुफा की तस्वीरें आदि प्रमुख हैं।

कोणार्क के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के चक्र की प्रतिकृति

प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में हिस्सा लेने आए राष्ट्राध्यक्षों व मेहमानों का स्वागत करने के लिए जो स्थान चुना था, इसके पीछे कोणार्क के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के चक्र की प्रतिकृति लगी थी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को प्रतिकृति से परिचित भी कराया। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात भारत मंडपम स्थल पर विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों और विश्व के अन्य नेताओं का स्वागत किया।

बिहार का प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय बैकग्राउंड में दिखा

इस दौरान यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल बिहार का प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय बैकग्राउंड में दिखाई दे रहा था। ऋषि सुनक सहित कुछ नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी विश्वविद्यालय के महत्व के बारे में बताते नजर आए। इससे पहले प्रधानमंत्री ने एक्स (ट्विटर) की डीपी बदलकर भारत मंडपम की तस्वीर लगाई थी, जिसमें केंद्र में नटराज की मूर्ति नजर आ रही थी।

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इन चित्रों की डिजिटल तस्वीरें की गईं प्रदर्शित

भारत मंडपम के सांस्कृतिक गलियारे में पाणिनी का व्याकरण ग्रंथ अष्टाध्यायी, ऋग्वेद की पांडुलिपियां, सूर्य द्वार नामक मूर्तिकला और मध्य प्रदेश के भीमबेटका गुफा चित्रों की डिजिटल तस्वीरें प्रदर्शित की गईं। साथ ही विश्व की ऐतिहासिक वस्तुएं भी नजर आईं। इसमें अमेरिका से चार्टर्स आफ फ्रीडम की प्रमाणित मूल प्रतियां, चीन से फहुआ (ढक्कन वाला जार), ब्रिटेन से मैग्नाकार्टा की दुर्लभ प्रति, लियोनार्डो दाविंची की उत्कृष्ट कृति मोनालिसा की डिजिटल तस्वीर, इंडोनेशिया का बाटिक सारोंग कपड़ा, ब्राजील की राष्ट्रीय संसद का माडल, अर्जेंटीना से पोंचो आदि का प्रदर्शन किया गया।

कनाडा से सी मान्स्टर ट्रांसफार्मेशन मास्क, यूरोपीय संघ से विज्ञानी मैरी क्यूरी की कांस्य प्रतिमा, जर्मनी से वोक्सवैगन ओल्ड बीटल का लघु प्रतिकृति माडल, इटली से अपोलो बेल्वेडियर की कांस्य प्रतिमा को भी प्रदर्शित किया गया।

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