Nagaland assembly election 2023: नगालैंड में GB System से होता है वोट, परिवार का एक सदस्य करता है मतदान
नगालैंड में जीबी सिस्टम का पालन किया जाता है। जीबी का मतलब राजा होता है। वहीं एक राजा के चार सहायक और एक विलेज काउंसिल होती है। जीबी ही तय करता है कि गांव में किस परिवार से कौन सा व्यक्ति वोट डालेगा। फोटो- एएनआई।
By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 02 Mar 2023 09:13 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत में लोकतंत्र मूल्य कई महत्वपूर्ण कारकों पर खड़े हैं, जिनमें से एक निष्पक्ष चुनाव आयोजित करना है। भारत का चुनाव आयोग एक सर्वोच्च निकाय है, जो देश में किसी भी चुनाव के दौरान स्वच्छ और साफ सुथरा चुनाव कराने का ख्याल रखात है। हालांकि हाल ही के दिनों में कई राज्यों से बूथ कैप्चरिंग की खबरें पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों से सामने आए हैं।
एक व्यक्ति करता है पूरे परिवार का वोट
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नगालैंड से भी इसी प्रकार की घटना सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एक व्यक्ति पूरे परिवार का वोट करता है और परिवार के सदस्यों के बीच भी पैसे बांटे जाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार इसका दर 25 से 50 हजार प्रति व्यक्ति बताया जा रहा है।
नगालैंड में होता है जीबी सिस्टम का पालन
मालूम हो कि नगालैंड में जीबी सिस्टम का पालन किया जाता है। जीबी का मतलब राजा होता है। वहीं, एक राजा के चार सहायक और एक विलेज काउंसिल होती है। जीबी ही तय करता है कि गांव में किस परिवार से कौन सा व्यक्ति वोट डालेगा। हालांकि, उस व्यक्ति को ही पूरे परिवार का वोट डालने का अधिकार होता है। इससे पोलिंग बूथ पर अधिक भीड़ देखने को नहीं मिलती है।कई सालों से चली आ रही है यह परंपरा
मालूम हो कि नगालैंड में जीबी सिस्टम की परंपरा कई सालों से चली आ रही है। इसके तहत जीबी का उत्तराधिकारी ही अगला जीबी बनता है। वहीं, सहायक जीबी भी इस परंपरा को बनाए रखने में मदद करते हैं। गांव के जीबी विलेज काउंसिल की सलाह के बाद फैसले लेते हैं। गाँव के अपने नियम-कायदे हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि जीबी का जो भी आदेश होगा, उसका पालन करना होगा।
गांवों के होते हैं अपने नियम कायदे
नगालैंड के जिन गांवों में GB प्रणाली लागू है, उनके अपने नियम-कायदे हैं। इसमें किसी प्रकार की संशोधन की आवश्यकता है, तो प्रमुख GB के घर पर एक बैठक आयोजित की जाती है, जिसमें परामर्श के बाद संशोधन किए जाते हैं। विलेज काउंसिल किसी मुद्दे पर अगर कोई निर्णय लेती है और इससे कोई भी असहमत है तो वह मुख्य जीबी के पास जा सकता है। मुखिया जीबी जो भी निर्णय लेता है वह मान्य होता है। गांव के विकास के लिए जो पैसा आता है, उसे कहां खर्च करना है, यह कमेटी तय करती है, लेकिन अंतिम आदेश जीबी का ही होता है।नहीं है कानूनी मान्यता
संविधान के अनुच्छेद-326 के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार दिया गया है। मतदान का निर्णय लेने के लिए किसी पर दबाव डालना अवैध होता है। संविधान का अनुच्छेद 19 प्रत्येक मतदाता को उम्मीदवार की वित्तीय स्थिति और आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानने का अधिकार देता है। 2013 में मतदाताओं को 'नोटा' का विकल्प मिला। इसका मतलब है कि मतदाता किसी उम्मीदवार के पक्ष में नहीं है। नगालैंड में यह सिस्टम कई वर्षों से चला आ रहा है, लेकिन इसकी कानूनी मान्यता नहीं है।