Kerala Assembly: ए एन शमशीर बनेे नए अध्यक्ष, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दी बधाई
Kerala Assembly ए एन शमशीर केरल विधानसभा के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। वह साल 2016 से थालास्सेरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एम बी राजेश के इस्तीफे के बाद उन्हें इस पद के लिए नियुक्त किया गया।
तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। केरल (Kerala) के थालास्सेरी (Thalassery) से विधायक ए एन शमशीर (A N Shamseer) सोमवार को केरल विधानसभा के 24वें अध्यक्ष चुने गए। शमशीर ने एम बी राजेश (M B Rajesh) की जगह ली, जिन्होंने हाल ही में अपना इस्तीफा सौंपा। वजह राज्य में सत्तारूढ़ माकपा द्वारा वाम सरकार में उन्हें मंत्री बनाए जाने का फैसला लिया जाना है।
मालूम हो कि 45 साल के शमशीर 2016 से थालास्सेरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 140 सदस्यीय विधानसभा में सुबह हुए चुनाव में शमसीर को 96 वोट मिले जबकि विपक्षी कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार अनवर सादात (Anwar Sadath) को 40 वोट हासिल हुए।
डिप्टी स्पीकर ने की विजेता की घोषणा
डिप्टी स्पीकर चित्तयम गोपकुमार (Chittayam Gopakumar) के द्वारा विजेता की घोषणा किए जाने के बाद मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेताओं ने शमसीर का अभिनंदन किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan), विपक्ष के नेता वी डी सतीसन, भाकपा नेता ई चंद्रशेखरन, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता पी के कुन्हालीकुट्टी ने चुनाव के बाद शमशीर को बधाई देते हुए अपनी बात रखी।
शमशीर धर्मनिरपेेेेेक्षता के मूल्यों से परिचित: पिनाराई विजयन
सीएम पिनाराई विजयन ने इस दौरान कहा शमशीर एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जो थालास्सेरी में पहले हुए दंगे से प्रभावित रहा है इसलिए वह धर्मनिरपेक्षता (Secularism) के मूल्यों को समझते हैं। विजयन ने कहा, राजनीति में उनका प्रवेश छात्र संगठन के माध्यम से हुआ है।
वह कन्नूर विश्वविद्यालय के पहले संघ अध्यक्ष थे। वह लंबे समय तक एसएफआई और डीवाईएफआई के नेतृत्व में भी रहे। उनके पास मानवशास्त्र (Anthropology) और कानून (Law) में स्नातकोत्तर की डिग्री है। उन्होंने हमें दिखाया है कि उच्च शिक्षा हासिल करने के साथ-साथ राजनीति में भी आगे बढ़ा जा सकता है।
सदन में दिखेगी एक नई ऊर्जा की झलक: सीएम
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि विधानसभा में मौजूदा समय में 27 और 48 आयु वर्ग के 31 सदस्य हैं। मतलब यह कि विधानसभा में सदस्य सामान्य रूप से युवा वर्ग के हैं और जब इसी आयु वर्ग का कोई स्पीकर बनता है तो ऐसे में उम्मीद जताई जा सकती है कि सदन के हर एक कार्य में ऊर्जा की झलक देखने को मिलेगी।