ऐसा मंदिर, जहां देवता को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाई जाती है व्हिस्की-वोदका
करीब चार दशक पहले एक श्मशान घाट के एक कोने में निर्मित इस मंदिर में कार्तिक एकादशी के मौके पर भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली।
मुंबई, पीटीआई। आम तौर पर अधिकतर मंदिरों में देवी-देवताआें पर फूल-माला, नारियल या फिर दान के रूप रूपए-आभूषण चढ़ाए जाते हैं, मगर यहां चेंबुर स्थित एक छोटे मंदिर में विराजमान बाबा भैरो नाथ की बात अलग है। पूरे साल उनके भक्त कार्तिक एकादशी का इंतजार करते हैं, ताकि उन्हें व्हिस्की, रम, वोदका जैसे तमाम प्रकार की शराब की बोतलें चढ़ा सकें।
करीब चार दशक पहले एक श्मशान घाट के एक कोने में निर्मित इस मंदिर में कार्तिक एकादशी के मौके पर भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली। वहीं उनके द्वारा चढ़ाई गई शराब 'प्रसाद' के रूप में बांटी गई।
मंदिर की देखभाल करने वाले रमेश लोहाना ने बताया कि भैरव नाथ को भगवान शिव का एक अवतार माना जाता है। उन्होंने कहा, कार्तिक एकादशी हमारे लिए सबसे पवित्र दिन है। हम पूरे साल इस दिन का इंतजार करते हैं। सभी धर्मों के हजारों भक्त शराब अर्पित करने के लिए इस दिन मंदिर आते हैं। हम पिछले 40 सालों से इस परंपरा का पालन कर रहे हैं।
लोहाना ने बताया कि विभाजन के दौरान मौजूदा पाकिस्तान से विस्थापित हुए उनके मामा अपने परिवार के चेंबुर में बसे थे और इस मंदिर का निर्माण किया था।
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