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कुल 22 शहर मार्च से होंगे स्मार्ट सिटी, अगले तीन-चार महीनों में बाकी 78 शहर भी पूरे कर लेंगे मानक

मार्च तक सभी परियोजनाओं को पूरा करने वाले 22 शहरों में आगरा वाराणसी रांची भोपाल इंदौर उदयपुर पुणे पिम्परी चिंचवाड़ अहमदाबाद सूरत चेन्नई काकीनाड कोयंबटूर इरोड भुवनेश्वर सलेम विशाखापत्तनम वेल्लोर मदुरई अमरावती तिरुचिरापल्ली और तेंजावुर शामिल हैं। (जागरण-फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 12 Feb 2023 10:08 PM (IST)
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आगरा, वाराणसी, और रांची होंगे मार्च से होंगे स्मार्ट सिटी

नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का कहना है कि अगले महीने से वाराणसी, आगरा, रांची, भोपाल, पुणे, अहमदाबाद और चेन्नई समेत देश के 22 महानगरों को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल जाएगा। इन शहरों ने सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के सभी मानकों को पूरा करते हुए अपने नागरिकों को बेहतर गुणवत्ता का जीवन और स्वच्छ पर्यावरण दिया है।

ये शहर होंगे शामिल

हालांकि इस अभियान के लिए चयनित सौ शहरों में बाकी 78 शहरों की सभी परियोजनाओं को अगले तीन से चार हफ्ते में पूरा कर लिया जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि स्मार्ट सिटी के मापदंड के अनुरूप मार्च तक सभी परियोजनाओं को पूरा करने वाले 22 शहरों में आगरा, वाराणसी, रांची, भोपाल, इंदौर, उदयपुर, पुणे, पिम्परी चिंचवाड़, अहमदाबाद, सूरत, चेन्नई, काकीनाड, कोयंबटूर, इरोड, भुवनेश्वर, सलेम, विशाखापत्तनम, वेल्लोर, मदुरई, अमरावती, तिरुचिरापल्ली और तेंजावुर शामिल हैं।

सौ महानगरों का किया गया था चयन

नरेन्द्र मोदी सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 25 जून, 2015 में लांच किया था और चौतरफा विकास करने के लिए देशव्यापी प्रतियोगिता के बाद सौ महानगरों का चयन किया था। इन शहरों को इस विशिष्ट परियोजना में चुने जाने के लिए बाकायदा जनवरी, 2016 से जून, 2018 तक चार दौर की प्रतियोगिता हुई थी। स्मार्ट सिटी घोषित करने के लिए प्रमुख बुनियादी ढांचे के साथ ही उच्च गुणवत्ता का जीवन और विभिन्न मुद्दों के स्मार्ट समाधान देना जरूरी है।

5246 परियोजनाओं को कर लिया गया पूरा

उल्लेखनीय है कि विगत छह फरवरी को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री कौशल किशोर ने राज्यसभा में बताया था कि इस साल 27 जनवरी तक सौ स्मार्ट सिटी की 7,804 परियोजनाओं के लिए 1,81,322 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। इसमें से 98,796 करोड़ रुपये की 5246 परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है। केंद्र सरकार ने इस अभियान के लिए कुल 36,447 करोड़ रुपये की रकम जारी की है जिसमें से 32,095 करोड़ रुपये (88 प्रतिशत) योजना पर खर्च किया है।

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