सीरियल किलर साइनाइड मल्लिका की लिस्ट में शामिल हुआ भोपाल का आदेश
भोपाल के आदेश खमारा का नाम भी अब उन सीरियल किलर्स की लिस्ट में शामिल हो गया है जिसमें साइनाइड मल्लिका से लेकर चार्ल्स शोभराज तक का नाम दर्ज है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 13 Sep 2018 07:16 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भोपाल के आदेश खमारा का नाम भी अब उन सीरियल किलर्स की लिस्ट में शामिल हो गया है जिसमें साइनाइड मल्लिका से लेकर चार्ल्स शोभराज तक का नाम दर्ज है। आदेश की टेलरिंग की एक छोटी सी दुकान थी। दिन में वह इसी दुकान पर काम करता था और रात में अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देता था। उसके निशाने पर ट्रक ड्राइवर हुआ करते थे। वह इनकी हत्याकर लूट का माल दूसरे राज्यों में लेजाकर बेच दिया करता था। अब तक 33 हत्याओं की बात कबूल कर चुका है। आइये जानते हैं कुछ दूसरे बड़े सीरियल किलर्स के बारे में :-
साइनाइड मल्लिका
मल्लिका देश की पहली महिला सीरियल किलर है। उसको छह लोगों की हत्या के मामले में कोर्ट उम्र कैद की सजा सुना चुकी है। यह हत्याएं उसने इन लोगों के जेवरात और पैसों के लालच में की थी। इसने यह सभी हत्याएं प्रसाद में साइनाइड मिलाकर की थीं। मल्लिका का असल नाम केडी केमपम्मा है। इन हत्याओं की वजह से ही वह साइनाइड मल्लिका के नाम से चर्चित हुई। 1999 में उसने इन हत्याओं की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने छह महिलाओं की हत्या की। अक्टूबर-दिसंबर 2007 में ही उसने पांच और हत्याओं को अंजाम दिया। वह पहली ऐसी महिला दोषी भी थी जिसको कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में इसको उम्र कैद में बदल दिया गया। मल्लिका फिलहाल उसी जेल में है जिसमें जयललिता की करीबी शशिकला है। साइनाइड मोहन
साइनाइड मोहन के नाम से चर्चित सीरियल किलर का असली नाम मोहन कुमार था। उसको 20 महिलाओं की हत्या के लिए वर्ष 2013 में मेंगलौर की त्वरित कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। वह अपने शिकार के लिए ऐसी महिलाओं की तलाश करता था जो शादी के लिए दहेज दे पाने में असमर्थ होती थीं। इनके लिए वह लड़कों की तलाश करता था। शादी के दौरान वह उन्हें तोहफे में गर्भनिरोधक दवा बताकर साइनाड दे दिया करता था। इसके बाद वह उनकी कीमती चीजें लेकर फरार हो जाता था। हत्याओं के अलावा वह बैंक से धोखाधड़ी के मामलों में भी लिप्त था। 1980 और 2003 में वह एक प्राइमरी स्कूल में फिजीकल एजूकेशन का टीचर भी था।
मल्लिका देश की पहली महिला सीरियल किलर है। उसको छह लोगों की हत्या के मामले में कोर्ट उम्र कैद की सजा सुना चुकी है। यह हत्याएं उसने इन लोगों के जेवरात और पैसों के लालच में की थी। इसने यह सभी हत्याएं प्रसाद में साइनाइड मिलाकर की थीं। मल्लिका का असल नाम केडी केमपम्मा है। इन हत्याओं की वजह से ही वह साइनाइड मल्लिका के नाम से चर्चित हुई। 1999 में उसने इन हत्याओं की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने छह महिलाओं की हत्या की। अक्टूबर-दिसंबर 2007 में ही उसने पांच और हत्याओं को अंजाम दिया। वह पहली ऐसी महिला दोषी भी थी जिसको कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में इसको उम्र कैद में बदल दिया गया। मल्लिका फिलहाल उसी जेल में है जिसमें जयललिता की करीबी शशिकला है। साइनाइड मोहन
साइनाइड मोहन के नाम से चर्चित सीरियल किलर का असली नाम मोहन कुमार था। उसको 20 महिलाओं की हत्या के लिए वर्ष 2013 में मेंगलौर की त्वरित कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। वह अपने शिकार के लिए ऐसी महिलाओं की तलाश करता था जो शादी के लिए दहेज दे पाने में असमर्थ होती थीं। इनके लिए वह लड़कों की तलाश करता था। शादी के दौरान वह उन्हें तोहफे में गर्भनिरोधक दवा बताकर साइनाड दे दिया करता था। इसके बाद वह उनकी कीमती चीजें लेकर फरार हो जाता था। हत्याओं के अलावा वह बैंक से धोखाधड़ी के मामलों में भी लिप्त था। 1980 और 2003 में वह एक प्राइमरी स्कूल में फिजीकल एजूकेशन का टीचर भी था।
सिंधवी दलवाई
सिंधवी के शिकार ज्यादातर फुटपाथ और झोपड़ी में रहने वाले लोग हुआ करते थे। 1960 में मुंबई में उसकी दहशत थी। सिंधवी लोगों की हत्या उन पर किसी भारी चीज को मारकर करता था। शुरुआती दौर में पुलिस के पास उसका कोई सुराग नही था। लेकिन जब वह पुलिस की गिरफ्त में आया तो पुलिस के होश उड़ गए। करीब 41 लोगों की हत्याओं को खुद उसने कुबूल किया था। पुलिस से हुई पूछताछ के दौरान ही उसने हत्या करने का तरीका भी बताया था। मुंबई कोर्ट ने उसको मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में उसको मनोचिकित्स के पास दिखाने से इस बात का खुलासा हुआ कि वह मानसिक रोगी है। मेडिकल रिपोर्ट में उसके सिजोफेरनिया बीमारी से ग्रस्त होने की भी पुष्टि हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने उसकी सजा उम्र कैद में बदल दी थी। 1995 में उसकी जेल में मौत हो गई। बीकनी किलर
बिकनी किलर और सर्पेंट के नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज 6 अप्रैल 1944 को वियतनाम में पैदा हुआ था। उस पर भारत के अलावा थाईलैंड, नेपाल, तुर्की और ईरान में हत्या के 20 से ज्यादा आरोप लगे। पहली बार अगस्त 2004 में उसको किसी मामले में दोषी करार दिया गया था। वेष बदलने में शोभराज माहिर था। खूबसूरत महिलाएं उसके निशाने पर रहती थीं। विभिन्न जगहों पर पकड़े जाने के बाद भी वह कई बार जेल से फरार होने में कामयाब रहा था। फ्रांस के पर्यटकों को जहर देने के मामले में उसने भारत की जेल 20 साल की सजा काटी थी। वर्ष 1963 में एशिया की यात्रा के दौरान शोभराज ने अपने आपराधिक जीवन की शुरुआत की थी। वो ड्रग्स लेने वाले फ्रेंच और अंग्रेजी भाषी पर्यटकों से दोस्ती गांठता और फिर हत्या को अंजाम देता था। वर्ष 1972 से 1982 के बीच शोभराज हत्या के बीस से ज्यादा आरोप लगे। इन सभी मामलों में पीड़ितों को ड्रग्स दिया गया था। इसके बाद उनकी हत्या की गई।
सिंधवी के शिकार ज्यादातर फुटपाथ और झोपड़ी में रहने वाले लोग हुआ करते थे। 1960 में मुंबई में उसकी दहशत थी। सिंधवी लोगों की हत्या उन पर किसी भारी चीज को मारकर करता था। शुरुआती दौर में पुलिस के पास उसका कोई सुराग नही था। लेकिन जब वह पुलिस की गिरफ्त में आया तो पुलिस के होश उड़ गए। करीब 41 लोगों की हत्याओं को खुद उसने कुबूल किया था। पुलिस से हुई पूछताछ के दौरान ही उसने हत्या करने का तरीका भी बताया था। मुंबई कोर्ट ने उसको मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में उसको मनोचिकित्स के पास दिखाने से इस बात का खुलासा हुआ कि वह मानसिक रोगी है। मेडिकल रिपोर्ट में उसके सिजोफेरनिया बीमारी से ग्रस्त होने की भी पुष्टि हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने उसकी सजा उम्र कैद में बदल दी थी। 1995 में उसकी जेल में मौत हो गई। बीकनी किलर
बिकनी किलर और सर्पेंट के नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज 6 अप्रैल 1944 को वियतनाम में पैदा हुआ था। उस पर भारत के अलावा थाईलैंड, नेपाल, तुर्की और ईरान में हत्या के 20 से ज्यादा आरोप लगे। पहली बार अगस्त 2004 में उसको किसी मामले में दोषी करार दिया गया था। वेष बदलने में शोभराज माहिर था। खूबसूरत महिलाएं उसके निशाने पर रहती थीं। विभिन्न जगहों पर पकड़े जाने के बाद भी वह कई बार जेल से फरार होने में कामयाब रहा था। फ्रांस के पर्यटकों को जहर देने के मामले में उसने भारत की जेल 20 साल की सजा काटी थी। वर्ष 1963 में एशिया की यात्रा के दौरान शोभराज ने अपने आपराधिक जीवन की शुरुआत की थी। वो ड्रग्स लेने वाले फ्रेंच और अंग्रेजी भाषी पर्यटकों से दोस्ती गांठता और फिर हत्या को अंजाम देता था। वर्ष 1972 से 1982 के बीच शोभराज हत्या के बीस से ज्यादा आरोप लगे। इन सभी मामलों में पीड़ितों को ड्रग्स दिया गया था। इसके बाद उनकी हत्या की गई।
बेहराम ठग
931 लोगों की हत्या करने वाला यह सीरियल किलर कपड़े से गला घोंटकर अपने काम को अंजाम देता था। 1790-1840 के बीच अवध में इसका खौफ था। लोगों की हत्या करने के बाद वह लूट की वारदात को अंजाम देता था। 1840 में उसको फांसी दे दी गई थी। ऑटो शंकर
1988 में चेन्नई में छह माह के दौरान 9 लड़कियों के गायब होने से हड़कंप मच गया। पुलिस को शक था कि इन लड़कियों को इन्हीं के परिवारवालों ने देह-व्यापार के लिए बेच दिया था। मामला लगातार बिगड़ता जा रहा था और आरोपी समेत लड़कियों की कोई जानकारी किसी के पास नहीं थी। इसी वर्ष दिसंबर में एक स्कूल की छात्रा की शिकायत के बाद इसकी परत-दर-परत खुलती चली गईं। दरअसल, इस छात्रा ने शिकायत की थी कि किसी ऑटो ड्राइवर ने एक शराब की दुकान के बाद उसको अगवा करने की कोशिश की थी। इसके बाद सादे कपड़ों में पुलिस को शराब की दुकान के बाहर तैनात कर दिया गया। कुछ को शराब की दुकान पर कर्मचारी के तौर पर भी तैनात किया गया। छात्रा की शिनाख्त के बाद पुलिस ने इस इंसान को शराब की दुकान के बाहर पकड़ लिया। इसका नाम शंकर था। पूछताछ में शंकर ने उन छह लड़कियों की हत्या की भी बात कुबूल की। शंकर लड़कियों को अगवा करता और उनकी हत्या कर शव को जला देता फिर उनकी अस्थियों को बंगाल की खाड़ी में प्रवाहित कर दिया करता था। ऑटो शंकर के नाम से यह काफी चर्चित हुआ था।मानसिंह
मानसिंह एक पूर्व सैन्यकर्मी था। उसके शिकार वह बच्चे होते थे जो दूसरे राज्यों से जालंधर में आकर बसे थे। वह इन बच्चों की हत्या कर दुष्कर्म को अंजाम देता था। इतना ही नहीं बच्चों की हत्या के बाद वह इसको शराब पीकर सेलिब्रेट भी करता था। बच्चों की हत्या के पीछे उसकी दूसरे राज्यों से आकर वहां बसने वालों के प्रति नफरत थी। वर्ष 2008 में उसको कोर्ट ने सजा-ए-मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में उम्र कैद में बदल दिया गया। देवेंद्र शर्मा
एक समय देवेंद्र शर्मा की पहचान एक आयुर्वेदिक डॉक्टर के रूप में होती थी। लेकिन पैसे के लालच ने उसको सीरियल किलर की जमात में लाकर खड़ा कर दिया। 2002-2004 के बीच उसने उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद उसने 40 हत्याओं की बात कुबूल की। वर्ष 2008 में उसको कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी।विपक्ष कर रहा एकजुटता का दिखावा, लेकिन हकीकत कुछ और, भाजपा निकाल देगी हवा
भारतीयों को है कितनी बातों की गलत जानकारी, हंसिये मत, आप भी हैं इसमें शामिल
मरियम और नवाज को अकेले छोड़ हमेशा के लिए विदा हुईं कुलसुम, आंखें हुईं नम
सीरियल किलर साइनाइड मल्लिका की लिस्ट में शामिल हुआ भोपाल का आदेश
पाक में सर्जिकल स्ट्राइक में कमांडो क्यों साथ लेकर गए थे तेंदुए का मल और पेशाब
931 लोगों की हत्या करने वाला यह सीरियल किलर कपड़े से गला घोंटकर अपने काम को अंजाम देता था। 1790-1840 के बीच अवध में इसका खौफ था। लोगों की हत्या करने के बाद वह लूट की वारदात को अंजाम देता था। 1840 में उसको फांसी दे दी गई थी। ऑटो शंकर
1988 में चेन्नई में छह माह के दौरान 9 लड़कियों के गायब होने से हड़कंप मच गया। पुलिस को शक था कि इन लड़कियों को इन्हीं के परिवारवालों ने देह-व्यापार के लिए बेच दिया था। मामला लगातार बिगड़ता जा रहा था और आरोपी समेत लड़कियों की कोई जानकारी किसी के पास नहीं थी। इसी वर्ष दिसंबर में एक स्कूल की छात्रा की शिकायत के बाद इसकी परत-दर-परत खुलती चली गईं। दरअसल, इस छात्रा ने शिकायत की थी कि किसी ऑटो ड्राइवर ने एक शराब की दुकान के बाद उसको अगवा करने की कोशिश की थी। इसके बाद सादे कपड़ों में पुलिस को शराब की दुकान के बाहर तैनात कर दिया गया। कुछ को शराब की दुकान पर कर्मचारी के तौर पर भी तैनात किया गया। छात्रा की शिनाख्त के बाद पुलिस ने इस इंसान को शराब की दुकान के बाहर पकड़ लिया। इसका नाम शंकर था। पूछताछ में शंकर ने उन छह लड़कियों की हत्या की भी बात कुबूल की। शंकर लड़कियों को अगवा करता और उनकी हत्या कर शव को जला देता फिर उनकी अस्थियों को बंगाल की खाड़ी में प्रवाहित कर दिया करता था। ऑटो शंकर के नाम से यह काफी चर्चित हुआ था।मानसिंह
मानसिंह एक पूर्व सैन्यकर्मी था। उसके शिकार वह बच्चे होते थे जो दूसरे राज्यों से जालंधर में आकर बसे थे। वह इन बच्चों की हत्या कर दुष्कर्म को अंजाम देता था। इतना ही नहीं बच्चों की हत्या के बाद वह इसको शराब पीकर सेलिब्रेट भी करता था। बच्चों की हत्या के पीछे उसकी दूसरे राज्यों से आकर वहां बसने वालों के प्रति नफरत थी। वर्ष 2008 में उसको कोर्ट ने सजा-ए-मौत की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में उम्र कैद में बदल दिया गया। देवेंद्र शर्मा
एक समय देवेंद्र शर्मा की पहचान एक आयुर्वेदिक डॉक्टर के रूप में होती थी। लेकिन पैसे के लालच ने उसको सीरियल किलर की जमात में लाकर खड़ा कर दिया। 2002-2004 के बीच उसने उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद उसने 40 हत्याओं की बात कुबूल की। वर्ष 2008 में उसको कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी।विपक्ष कर रहा एकजुटता का दिखावा, लेकिन हकीकत कुछ और, भाजपा निकाल देगी हवा
भारतीयों को है कितनी बातों की गलत जानकारी, हंसिये मत, आप भी हैं इसमें शामिल
मरियम और नवाज को अकेले छोड़ हमेशा के लिए विदा हुईं कुलसुम, आंखें हुईं नम
सीरियल किलर साइनाइड मल्लिका की लिस्ट में शामिल हुआ भोपाल का आदेश
पाक में सर्जिकल स्ट्राइक में कमांडो क्यों साथ लेकर गए थे तेंदुए का मल और पेशाब