ABG Shipyard Case: CBI ने 23000 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में ऋषि अग्रवाल और अन्य के खिलाफ दायर की चार्जशीट
ABG Shipyard Case CBI ने 23 हजार करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में ऋषि अग्रवाल और 24 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। सीबीआइ ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर ऋषि अग्रवाल को 21 सितंबर को गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शानिवार को लगभग 23 हजार करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड के पूर्व अध्यक्ष ऋषि अग्रवाल और 24 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। एजेंसी ने कहा कि 22, 842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में की चल रही जांच में मुंबई की निजी कंपनी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, उसके अध्यक्ष और प्रमोटर समेत 25 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किा गया था।
21 सितंबर को अग्रवाल को किया गया गिरफ्तार
इससे पहले एजेंसी ने कंपनी और उसके चेयरमैन, निदेशकों , कारपोरेटर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआइ ने 21 सितंबर को एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर ऋषि अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। स्टेट बैंक आफ इंडिया ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी ने आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 28 बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा दिया, जिससे लगभग 22.842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई।
CBI ने 7 फरवी को दर्ज किया मामला
सीबीआइ ने इस साल 7 फरवरी को भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत पर आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। एसबीआई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी ने आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व वाले 28 बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा दिया, जिससे 22,842 करोड़ रुपये (लगभग) की धोखाधड़ी हुई।
बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए धन को किया गया डायवर्ट
सीबीआइ के एक अधिकारी ने कहा, 'बड़ी रकम कथित तौर पर आरोपी को उसके संबंधित पक्षों को हस्तांतरित कर दी गई और बाद में समायोजन प्रविष्टियां की गईं। यह भी आरोप लगाया गया था कि बैंकों से धन को संबंधित पक्षों के नाम पर बड़ी संपत्ति खरीदने के लिए डायवर्ट किया गया था।'
अधिकारी ने बताया, 'उक्त कंपनी का खाता 2013 में 30 नवंबर को एनपीए हो गया और अधिकांश ऋण संवितरण (Loan Disbursement) कथित तौर पर 2005 और 2013 के बीच हुआ। 27 मार्च 2014 को सीडीआर तंत्र के तहत खाते का पुनर्गठन किया गया था। हालांकि, कंपनी के संचालन को पुनर्जीवित नहीं किया जा सका।'
ईडी ने कुर्क की 2747 करोड़ की संपत्ति
इससे पहले सितंबर में ईडी ने मामले में 2,747.69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। कुर्क की गई संपत्तियों में गुजरात में स्थित सूरत और दहेज में शिपयार्ड, कृषि भूमि और भूखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में विभिन्न वाणिज्यिक और आवासीय परिसर और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, इसकी समूह कंपनियों और अन्य संबंधित संस्थाओं के स्वामित्व वाले बैंक खाते शामिल हैं।
ईडी ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, उसकी समूह कंपनियों, बरमाको एनर्जी सिस्टम्स लिमिटेड, धनंजय दातार, सविता धनंजय दातार, कृष्ण गोपाल तोशनीवाल, वीरेन आहूजा की कुल 2,747.69 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति का पता लगाया और उन्हें मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) 2022 के प्रावधानों के तहत संलग्न किया। एजेंसी ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज 7 फरवरी की पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर मनी लान्ड्रिंग जांच शुरू की।
22 हजार 842 करोड़ रुपये का मौद्रिक नुकसान
ईडी की जांच से पता चला है कि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल ने अपनी पूंजी आवश्यकताओं और अन्य व्यावसायिक खर्चों को पूरा करने के बहाने आईसीआईसीआई बैंक, मुंबई के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ से विभिन्न ऋण सुविधाओं और ऋणों का लाभ उठाया, लेकिन एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, ने कंसोर्टियम से प्राप्त क्रेडिट सुविधाओं का दुरुपयोग किया और भारत और विदेशों में शामिल विभिन्न संबंधित संस्थाओं को विभिन्न ऋणों, अग्रिमों और निवेशों की आड़ में अपने वास्तविक कारण के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए धन को डायवर्ट किया, जिससे अंततः 22 हजार 842 करोड़ रुपये का मौद्रिक नुकसान हुआ।
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