श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर तैयार होगी एशिया की सबसे लंबी जोजिला टनल, जानें खास बातें
सात वर्ष में पूरी होने वाली 14.5 किलोमीटर लंबी इस सुरंग के निर्माण पर 6,809 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया की सबसे बड़ी सुरंग का शिलान्यास किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर-करगिल और लेह के बीच सभी मौसमों में संपर्क मुहैया कराने वाली जोजिला सुरंग की आधारशिला रखी। श्रीनगर से लेह के दुर्गम सड़क मार्ग को आसान बनाने वाली रणनीतिक 'जोजिला' सुरंग को केंद्र सरकार ने जनवरी में ही मंजूरी दे दी थी। इस सुरंग के बनने से यहां यातायात आसान हो जाएगा।
यह है इसकी खास बातें
सात वर्ष में पूरी होने वाली 14.5 किलोमीटर लंबी इस सुरंग के निर्माण पर 6,809 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। जोजिला सुरंग श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित जोजिला पास के नजदीक बनेगी। यह समुद्र तल से 11,578 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
हर साल दिसंबर-अप्रैल के दौरान यहां इतनी भारी बर्फबारी व हिमस्खलन होता है कि लेह- लद्दाख क्षेत्र का जम्मू-श्रीनगर से संपर्क पूरी तरह कट जाता है। जोजिला सुरंग का निर्माण होने के बाद इस मार्ग पर साल के 365 दिन चौबीसों घंटे वाहनों की आवाजाही संभव हो सकेगी। पाकिस्तान सीमा से सटे होने के कारण यह सड़क रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। लिहाजा सुरंग बनने से सेना के लिए भी आसानी हो जाएगी।
जोजिला सुरंग एनएच-1ए पर 95 किमी मील पत्थर को और 118 किमी मील पत्थर को सीधे जोड़कर दूरी को काफी कम कर देगी। यह भारत व एशिया की सबसे लंबी सड़क सुरंग होगी। यह दो लेन वाली दुतरफा सिंगिल ट्यूब सुरंग होगी जिसके समानांतर एक अन्य एंग्रेस सुरंग का निर्माण आपातस्थिति में राहत एवं बचाव कार्यो के लिए किया जाएगा। परियोजना का कार्यान्यवन एनएचआईडीसीएल द्वारा किया जाएगा।
जोजिला सुरंग पर अगले साल जून से काम शुरू होने की उम्मीद है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में इसी सड़क पर गगनगीर में 6.5 किलोमीटर जेड मोड सुरंग का निर्माण तेजी से हो रहा है। इन दोनो सुरंगों के पूरा होने के बाद कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों का आपस में बारहमासी सड़क संपर्क शुरू हो जाएगा। दोनो परियोजनाओं से क्षेत्र के आर्थिक विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।