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संसद की सुरक्षा में सेंध के बाद शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप, सुरक्षाकर्मियों के करीब दो सौ पद खाली; लंबे समय से नहीं की गई भर्ती

संसद की सुरक्षा में सेंध के बाद सुरक्षा एजेंसियों के बीच जिम्मेदारियों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो गया है। संसद की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कर्मियों के मुताबिक आरोपी जिस तरह से जूते में रखकर कलर स्मोग पैकेट लेकर गए है उसकी जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के दायरे में आती है। सूत्रों के मुताबिक संसद की सुरक्षा में तैनात कर्मियों की भारी कमी है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 13 Dec 2023 10:14 PM (IST)
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बुधवार को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई। (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध के बाद सुरक्षा एजेंसियों के बीच जिम्मेदारियों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो गया है। संसद की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े कर्मियों के मुताबिक आरोपी जिस तरह से जूते में रखकर कलर स्मोग पैकेट लेकर गए है, उसकी जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के दायरे में आती है।

उनकी जिम्मेदारी तो सिर्फ संसद भवन के भीतर आने वाले लोगों के पास और उनकी पहचान करने की होती है। वह जूते में या फिर अपने कपड़ों के भीतर कुछ छुपाकर लेकर जा रहे है तो उसकी जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की है।

सुरक्षाकर्मियों के करीब दो सौ पद खाली

वहीं, संसद भवन के अंदर की जिम्मेदारी देखने वाले वाच एंड वार्ड इससे परेशान है कि दर्शकों की संख्या बढ़ गई है और उनके पास कम सहयोगी हैं। वैसे चूक के बाद अब कई मुद्दे उठ रहे हैं। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि सदन में दर्शक दीर्घा के अंदर पहली कतार में पूर्व की तरह सुरक्षा कर्मी बैठते तो क्या ऐसी घटना संभव थी।

पहले की कैसी थी व्यवस्था

पूर्व में ऐसी व्यवस्था थी कि पहली पंक्ति में कुछ सुरक्षाकर्मी सादे यूनाफार्म में बैठते थे। अभी वह व्यवस्था लागू नहीं है। पहले दो सुरक्षा कर्मी बीच की सीटों में और दो पीछे की सीटों पर खड़े होकर प्रत्येक दर्शक की गतिविधि पर भी नजर रखते थे। लोगों के हिलने, डुलने या फिर खड़े होने और झुकने जैसी गतिविधियों पर तुरंत टोका जाता था।

लंबे समय से नहीं की गई भर्ती

सूत्रों के मुताबिक संसद की सुरक्षा सेवा के तहत मौजूदा समय में करीब दो सौ से अधिक पद अभी खाली है। संसद की सुरक्षा से जुड़े पूर्व कर्मचारियों के मुताबिक वैसे तो पिछले 11 सालों में संसद भवन परिसर को जिस तरह से विस्तार दिया गया है, उनमें नया संसद भवन, लाइब्रेरी बिल्डिंग आदि नए भवन बने है। जिनकी सुरक्षा में पार्लियामेंट सुरक्षा सर्विस से जुड़े सुरक्षा कर्मियों को ही लगाया गया है। ऐसे में भले ही पिछले कई सालों से इनकी संख्या में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है, लेकिन इनके सुरक्षा का दायरा इस बीच जरूर बढ़ गया है।