Abroad Education: विदेश में करियर के और भी हैं बेहतर विकल्प, पढ़ाई के साथ काम करने के अवसर
Abroad Education भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव से रोजगार के साथ साथ शिक्षा का क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं। कनाडा में पढ़ने की आशा रखने वाले छात्र विशेषकर पंजाब के छात्र इस स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कनाडा के आव्रजन विभाग से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार वर्ष 2022 में 226450 से अधिक छात्रों ने अध्ययन करने के लिए भारत से कनाडा की यात्रा की।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। फरवरी और मार्च के बीच सभी बड़े बोर्डों के एग्जाम शुरू हो जाएंगे, परीक्षा समाप्त होने के बाद छात्र अपने भविष्य के लिए अलग-अलग फील्ड में करियर बनाने को लेकर चिंतित रहते हैं। भारतीय छात्र बड़े पैमाने पर विदेशों में जाकर अपना करियर बनाते हैं। इनदिनों भारत और कनाडा के बीच बढ़ते विवाद और अनिश्चितता को देखते हुए वहां जाकर पढ़ाई के बारे में सोच रहे भारतीय छात्र अब दूसरे देशों के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। आइये जानें, अन्य किन-किन देशों में हैं उच्च शिक्षा के बेहतर विकल्प...
भारत कनाडा विवाद और पंजाब
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव से रोजगार के साथ साथ शिक्षा का क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं। कनाडा में पढ़ने की आशा रखने वाले छात्र विशेषकर पंजाब के छात्र इस स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कनाडा के आव्रजन विभाग से प्राप्त आंकड़ो के अनुसार, वर्ष 2022 में 226450 से अधिक छात्रों ने अध्ययन करने के लिए भारत से कनाडा की यात्रा की, जिसमें अकेले पंजाब के लगभग 1.3 लाख छात्र शामिल है। लेकिन भारत-कनाडा के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए छात्रों को अब अन्य विकल्पों के बारे में भी जानना चाहिए।
कनाडा के अलावा अन्य अध्ययन के अवसर
यदि आप कनाडा में अध्ययन करने की योजना बना रहे थे और अब आप उस पर दोबारा विचार कर रहे हैं, तो ऐसे कई अन्य देश हैं जो आपको अच्छी शिक्षा के अवसर प्रदान करते हैं। कनाडा के अलावा, जो छात्र विदेश में अध्ययन करना चाहते हैं, वह अब अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड, फिनलैंड, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में भी पढ़ाई के बारे में सोच सकते हैं। इन देशों में आपको एमबीए, नर्सिंग, होटल प्रबंधन, कृषि विज्ञान, जैव रसायन और गणित जैसे विषयों में अच्छा करियर बनाने का मौका मिलेगा।
अमेरिका में पढ़ाई के विकल्प
उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका हमेशा से भारतीय युवाओं के बीच लोकप्रिय रहा है। यहां के संस्थानों को स्टेम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा मैथ्स ) की पढ़ाई के लिए बेहतर माना जाता है। अपनी शैक्षिक गुणवत्ता और कोर्सों की विविधता के कारण ही यहां के एमआइटी, हार्वर्ड जैसे कई विश्वविख्यात विश्वविद्यालय हर वर्ष क्यूएस की टाप 10 रैंकिंग में शामिल रहते हैं।
भारतीय छात्रों को कनाडा की जगह अमेरिका इसलिए भी अधिक आकर्षित करता है क्योंकि यह देश कनाडा के नजदीक है, जहां अधिकतर भारतीयों के मित्र और जानने वाले रहते हैं। अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियां यहां के विश्वविद्यालयों से पढ़े छात्रों को प्राथमिकता भी देती हैं । अमेरिका में भी पढ़ाई के बाद काम करने के अवसर आसानी से मिल जाते हैं । इस देश में स्टेम के छात्रों को ग्रेजुएशन के बाद तीन वर्ष का वर्क परमिट आसानी से मिल जाता है।
ब्रिटेन में पढ़ाई के विकल्प
हाल ही में टाइम्स हायर रैंकिंग में ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड एक बार फिर दुनिया में सबसे ऊंची रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटी घोषित की गई है। उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन भारतीय छात्रों के बीच हमेशा से पसंदीदा देश रहा है। इसलिए अभी तक जो भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई करने के बारे सोच रहे थे, वे अब ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों संस्थानों को विकल्प के रूप में देख सकते हैं।
वैसे भी, इस देश में हर वर्ष बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई के लिए जाते हैं, क्योंकि यहां की डिग्री को विश्वभर में बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। इसके अलावा, यहां की लगभग सभी यूनिवर्सिटी मेधावी छात्रों को मेरिट आधारित स्कालरशिप भी प्रदान करती हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए पढ़ाई का खर्च उठाना आसान हो जाता है।
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के विकल्प
इस समय विदेश में पढ़ाई के बारे में सोच रहे भारतीय छात्र अमेरिका और ब्रिटेन के अतिरिक्त आस्ट्रेलिया को भी एक बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण यहां आस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटीज आफ सिडनी, यूनिवर्सिटी आफ मेलबोर्न जैसे कई विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों का होना हैं। वैसे यहां के संस्थान इंजीनियरिंग एजुकेशन के लिए जाने जाते हैं। कोरोना के बाद इस आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है। यहां भी पढ़ाई के साथ काम करने के अवसर मिलते हैं।
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