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Chandrababu Naidu: पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को नहीं मिली राहत, ACB कोर्ट ने बढ़ाई दो दिन की हिरासत

विजयवाड़ा में ACB कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की रिमांड दो दिनों के लिए बढ़ा दी है। बता दें कि चंद्रबाबू नायडू को कथित 350 करोड़ रुपये के राज्य कौशल विकास निगम (APSSDC) घोटाले को लेकर की गई थी। जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 22 Sep 2023 12:01 PM (IST)
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ACB कोर्ट ने बढ़ाई दो दिन की हिरासत

नई दिल्ली, एजेंसी। विजयवाड़ा में ACB कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की रिमांड दो दिनों के लिए बढ़ा दी है। बता दें कि चंद्रबाबू नायडू को कथित 350 करोड़ रुपये के राज्य कौशल विकास निगम (APSSDC) घोटाले को लेकर की गई थी। जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 

— ANI (@ANI) September 22, 2023

मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप लगे हैं कि उनके शासन के दौरान यानी साल 2014 से लेकर 2019 के बीच आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (skill development scam) में घोटाले हुए हैं। कथित तौर पर 371 करोड़ रुपये के इस घोटाले की पूछताछ के लिए उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। जिसके बाद अब एक बार फिर से उनकी न्यायिक हिरासत को दो दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। 

इन धाराओं के तहत हुई थी गिरफ्तारी

चंद्रबाबू नायडू को IPC की प्रासंगिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है, जिसमें धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) और 465 (जालसाजी) शामिल हैं। इसके अलावा एपी CID ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भी लगाया है।

कार्यकर्ताओं ने किया था विमान के अंदर प्रदर्शन

एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद तेलुगु देशम पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के खिलाफ एक टीडीपी कार्यकर्ता को विशाखापत्तनम जाने वाली उड़ान के अंदर विरोध प्रदर्शन करते हुए भी देखा गया था।

क्या है कौशल विकास निगम घोटाला? 

बता दें कि राज्य कौशल विकास निगम (APSSDC) की स्थापना साल 2016 में आंध्र प्रदेश में TDP सरकार के दौरान की गई थी। ये योजना बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए लाई गई थी। जानकारी के अनुसार, इस योजना में 3,300 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। जिसे लेकर एपी CID ने मार्च में कथित घोटाले की जांच शुरू की थी।

इसकी जांच भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) के पूर्व अधिकारी अरजा श्रीकांत को जारी किए गए नोटिस के बाद शुरू हुई थी। बता दें कि अरजा श्रीकांत 2016 में एपीएसएसडीसी के सीईओ थे। इस योजना के तहत उद्योगों में काम करने के लिए युवाओं को जरूरी कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाना था। इसकी जिम्मेदारी एक कंपनी Siemens को सौंपी गई थी। इस योजना के लिए कुल 3,300 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे और तत्कालीन नायडू सरकार ने एलान किया था कि राज्य सरकार 10 फीसदी यानी कुल 370 करोड़ रुपये इस योजना में खर्च करेगी।बाकी का 90 प्रतिशत खर्च कौशल विकास प्रशिक्षण देने वाली कंपनी Siemens करेगी।

इसके बाद आरोप लगा कि नायडू सरकार ने योजना में खर्च होने वाली रकम 371 करोड़ रुपये शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिए। साथ ही पैसे ट्रांसफर करने से संबधित सभी डॉक्यूमेंट्स को भी नष्ट कर दिया गया।

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