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Action on PFI: भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए अखबार निकालता है पीएफआइ, खाड़ी देशों में करता है दुष्प्रचार

पीएफआइ पर विदेश में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के आरोप लग रहे हैं। पीएफआइ खाड़ी देशों में गल्फ तेजस डेली नाम का अखबार निकालता है। यही नहीं अपने एजेंडे के प्रचार-प्रसार के लिए वह केरल में भी तेजस नाम से अखबार प्रकाशित करता था।

By JagranEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Sat, 24 Sep 2022 09:18 PM (IST)
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पीएफआइ पर विदेश में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के आरोप लग रहे हैं।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। भारत में हिंसा, दंगा और आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोपों में जांच एजेंसियों का सामना कर रहा पीएफआइ विदेश में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में भी आगे रहा है। खासतौर पर खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में भारतीय मुसलमानों की मौजूदगी को देखते हुए पीएफआइ 'गल्फ तेजस डेली' नाम का अखबार भी निकालता है। अपने एजेंडे के प्रचार-प्रसार के लिए वह केरल में भी 'तेजस' नाम से अखबार प्रकाशित करता था। 2018 में इसे बंद कर दिया गया।

'गल्फ तेजस डेली' का स्पष्ट उल्लेख

ईडी द्वारा लखनऊ की अदालत में दाखिल शफीक पेयेथ के रिमांड लेटर में 'गल्फ तेजस डेली' का स्पष्ट उल्लेख है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शफीक ने 'गल्फ तेजस डेली' में 2018 तक दो साल के लिए बिजनेस डवलपमेंट मैनेजर के रूप में काम किया था। ईडी उसको हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। उससे खाड़ी देशों में फंड जुटाने और भारत तथा खासकर हिंदुओं के खिलाफ दुष्प्रचार के नेटवर्क के बारे में पूछा जा रहा है।

'तेजस' अखबार का हिस्सा

'गल्फ तेजस डेली' का पीएफआइ से सीधा संबंध बताते हुए ईडी के अधिकारी ने कहा कि यह केरल से पूर्व में प्रकाशित होने वाले 'तेजस' अखबार का हिस्सा है। इसे इंटरमीडिया पब्लि¨सग लिमिटेड निकालता है। इंटरमीडिया पब्लि¨सग लिमिटेड का एक निदेशक अब्दुल रजाक बीपी है, जो पीएफआइ से जुड़ा है।

अब्दुल रजाक को पहले किया जा चुका है गिरफ्तार

पीएफआइ के लिए मनी लांड्रिंग करने के आरोप में ईडी अब्दुल रजाक को पहले गिरफ्तार कर चुकी है। शफीक पीएफआइ में इसकी स्थापना के समय से है। वह पीएफआइ के राजनीतिक संगठन एसडीपीआइ का भी सदस्य है। ईडी के अनुसार, 'तेजस' और 'गल्फ तेजस डेली' को पीएफआइ का मुखपत्र साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं।

पीएफआइ के ही अखबार में काम करता था सिद्दीक कप्पन

2020 में हाथरस कांड के दौरान पकड़ा गया सिद्दीक कप्पन भी 'तेजस' में ही काम करता था। इसी के आधार पर उसने खुद को पत्रकार बताते हुए हाथरस जाने की कोशिश की थी, लेकिन रास्ते में ही उसे पकड़ लिया गया। वैसे 2018 में तेजस का प्रकाशन बंद होने के कारण उसके पहचान पत्र का नवीकरण नहीं हुआ था। उसको पिछले दिनों ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।