रेणुकास्वामी हत्या मामले में अभिनेता दर्शन को मिली अंतरिम जमानत, कर्नाटक HC ने दी सर्जरी कराने के लिए राहत
रेणुकास्वामी हत्या मामले में साउथ अभिनेता दर्शन को गिरफ्तार किए जाने के चार महीने बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। अभिनेता दर्शन 131 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे। एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी ने दर्शन की अंतरिम जमानत याचिका मंजूर कर ली ताकि वह सर्जरी करा सकें। हाई कोर्ट ने दर्शन को निर्देश दिया है कि वह अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करा दें।
एएनआई, बेंगलुरु (कर्नाटक)। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को रेणुका स्वामी हत्या मामले में आरोपी अभिनेता दर्शन थुगुदीप श्रीनिवास को छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी।
एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी ने दर्शन की अंतरिम जमानत याचिका मंजूर कर ली, ताकि वह सर्जरी करा सकें। हाई कोर्ट ने दर्शन को निर्देश दिया है कि वह अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करा दें।अदालत ने उन्हें यह भी निर्देश दिया कि वे अपनी पसंद के किसी अस्पताल में उपस्थित हों और एक सप्ताह के भीतर अपनी चिकित्सा स्थिति की रिपोर्ट अदालत को सौंपें, जिसमें उनके उपचार का विवरण भी शामिल हो।
131 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे दर्शन
अभिनेता दर्शन 131 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे। जमानत पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेता दर्शन के वकील सुनील कुमार ने कहा, हमें आदेश की प्रति मिलने के बाद ही पता चलेगा, हम पासपोर्ट जमा करेंगे, हमें दर्शन की जमानत पर रिहाई के लिए कुछ प्रक्रियाएं पूरी करनी हैं, हम वो करेंगे।उन्होंने कहा, हमारा तर्क था कि एल5 और एस1 में उन्हें दिक्कतें थीं। उन्हें लंबे समय से यह दर्द है, अब हमें नियमित जमानत के लिए लड़ना होगा, उनकी रीढ़ की हड्डी में समस्या है, पहले दर्शन को अस्पताल में भर्ती कराना होगा और फिर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करनी होगी। एक सीलबंद लिफाफे में जांच से संबंधित रिपोर्ट पेश की गई।
9 जून को मिला था रेणुकास्वामी का शव
दर्शन का नाम रेणुकास्वामी मामले में चार्जशीट में दर्ज है, जहां चित्रदुर्ग के 33 वर्षीय निवासी की हत्या कर दी गई थी। पीड़िता के अवशेष 9 जून को बेंगलुरु के कामाक्षीपाल्या में मिले थे।इससे पहले मंगलवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अभिनेता की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।अभिनेता दर्शन को इससे पहले बेल्लारी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, क्योंकि परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में एक उपद्रवी के साथ उनकी एक तस्वीर वायरल हुई थी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने कहा, अगर इस व्यक्ति को अतिरिक्त सुविधाएं दी जा रही हैं, तो यह गलत है। जिन अधिकारियों ने ऐसी सुविधाएं दी हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आदेश के बाद सात जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।