अडानी-हिंडनबर्ग केस: पुराने फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका को SC ने किया खारिज, SIT या CBI से जांच कराने की थी डिमांड
सुप्रीम कोर्ट ने 3 जनवरी के फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने अडानी ग्रुप की तरफ से स्टॉक मूल्य में हेरफेर के आरोपों की जांच विशेष जांच दल या सीबीआई को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया था। पीठ ने अपने आदेश में कहा समीक्षा याचिका पर गौर करने के बाद रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से कोई गलती नहीं है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज अडानी ग्रुप के स्टॉक मामले में सुनवाई हुई। 3 जनवरी के फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें अडानी ग्रुप की तरफ से स्टॉक मूल्य में हेरफेर के आरोपों की जांच विशेष जांच दल या सीबीआई को ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया गया था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 3 जनवरी के फैसले के खिलाफ जनहित याचिका याचिकाकर्ताओं में से एक अनामिका जायसवाल की तरफ से दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया।
क्यों खारिज की जाती है याचिका?
पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'समीक्षा याचिका पर गौर करने के बाद, रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से कोई गलती नहीं है। सुप्रीम कोर्ट नियम 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं है। इसलिए, समीक्षा याचिका खारिज कर दी जाती है।समीक्षा याचिका पर न्यायाधीशों ने चैंबर में विचार किया था। अडानी समूह के लिए एक महत्वपूर्ण जीत में, अदालत ने 3 जनवरी को सीबीआई या एसआईटी जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि बाजार नियामक सेबी आरोपों की व्यापक जांच कर रहा है।