Aditya-L1 Mission: 4 महीने का समय, 15 लाख किमी की दूरी; चंद्र विजय के बाद ISRO उठाएगा सूर्य के रहस्य से पर्दा
Aditya-L1 Mission भारत ने चंद्र विजय के बाद सूर्य को अपनी मुट्ठी में करने के लिए तैयार हो चुका है। आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आदित्य-एल1 मिशन (Aditya-L1 Mission) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। इस मिशन के जरिए भारत को सूर्य से जुड़े कई सवालों के जवाब मिलने वाले हैं।
By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Sat, 02 Sep 2023 11:56 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से भारत ने इतिहास रच दिया है। अब भारत ने सूर्य पर फतह करने की ठान ली है। आज भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) लॉन्च हो चुका है।
चंद्रयान-3 के सफल मिशन के बाद पूरी दुनिया की नजर भारत पर है और सभी को उम्मीद है कि भारत इस मिशन को भी सफलतापूर्वक पूरा कर लेगा। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आदित्य-एल1 मिशन है क्या, कब और कितने बजे लॉन्च होगा और इसको कहां से लॉन्च किया गया है।
इसरो ने आदित्य-एल1 (Aditya-L1 Mission) लॉन्च के बाद मिशन के सफल बनाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
क्या है आदित्य-एल1 मिशन? (What Is Aditya-L1 Mission)
आदित्य-एल1 मिशन भारत का पहला सौर मिशन है, जिसकी मदद से भारत सूर्य से जुड़े रहस्यमयी सवालों के जवाब इकट्ठा करेगा। इस मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया है। इसरो के मुताबिक, इस मिशन को आज यानी 2 सितंबर की सुबह 11.50 पर लॉन्च किया गया है।
क्या है एल-1? (What Is L-1)
भारत ने अपने उपग्रह (Satellite) को लांग्रेंजियन-1 बिंदु पर स्थापित करने के लिए आदित्य-एल1 (Aditya-L1 Mission) लॉन्च के बाद मिशन को सफल करने की तैयारी कर ली है। इस यान को सूर्य और पृथ्वी के बीच की गुरुत्वाकर्षण प्रणाली के लांग्रेंजियन बिंदु के चारों ओर एक हेलो ऑर्बिट में रखा जाएगा। यह ऑर्बिट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर है, जहां पहुंचने के लिए यान को कुल 4 महीने का समय लगेगा।