Aditya-L1 Mission: इसरो की बड़ी कामयाबी, Aditya-L1 ने खींची भयावह सौर लहर की तस्वीरें
इसरो के आदित्य-एल 1 अंतरिक्ष यान के दो ऑनबोर्ड रिमोट सेंसिंग उपकरणों ने हाल ही में हुए सौर प्रकोप को कैमरे में कैद किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल 1 इस साल छह जनवरी को लैग्रेंजियन बिंदु (एल1) पर पहुंचा जो 2 सितंबर 2023 को लॉन्च होने के 127 दिन बाद है।
पीटीआई, बेंगलुरु। इसरो के आदित्य-एल 1 अंतरिक्ष यान के दो ऑनबोर्ड रिमोट सेंसिंग उपकरणों ने हाल ही में हुए सौर प्रकोप को कैमरे में कैद किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारत का पहला सौर मिशन आदित्य-एल 1 इस साल छह जनवरी को लैग्रेंजियन बिंदु (एल1) पर पहुंचा, जो 2 सितंबर, 2023 को लॉन्च होने के 127 दिन बाद है। एल 1 पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर स्थित है और अंतरिक्ष यान को लगातार सूर्य को देखने में सक्षम बनाता है।
सौर तूफान के अलग-अलग क्लास
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) June 10, 2024
SUIT and VELC instruments have captured the dynamic activities of the Sun 🌞 during May 2024.
Several X-class and M-class flares, associated with coronal mass ejections, leading to significant geomagnetic storms were recorded.
📷✨ and details:… pic.twitter.com/Tt6AcKvTtB
इसरो ने एक बयान में कहा कि सोलर अल्ट्रा वॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआईटी) और विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) ने मई 2024 के दौरान सूर्य की गतिशील गतिविधियों को कैद किया है।
इसरो ने कहा, "कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) से जुड़े कई एक्स-क्लास और एम-क्लास फ्लेयर्स महत्वपूर्ण भू-चुंबकीय तूफानों को जन्म देते हैं, जिसे रिकॉर्ड किया गया है। सूर्य पर सक्रिय क्षेत्र AR13664, 8-15 मई के बीच अपने पारित होने के दौरान कई एक्स-क्लास और एम-क्लास फ्लेयर्स फूटे, जो 8 और 9 मई के दौरान सीएमई से जुड़े थे। इनसे 11 मई को एक बड़ा भू-चुंबकीय तूफान उत्पन्न हुआ।"