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भारतीय नौसेना प्रमुख ने की अंतरराष्ट्रीय समुद्री शक्ति संगोष्ठी में शिरकत, इन देशों से हुई द्विपक्षीय वार्ता

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R Hari Kumar) ने संयुक्त राज्य अमेरिका में 25वें अंतरराष्ट्रीय समुद्री शक्ति संगोष्ठी में भाग लिया। यह कार्यक्रम 19 से 22 सितंबर तक आयोजित किया गया। बता दें कि आईएसएस अमेरिकी नौसेना द्वारा यूएस नेवल वॉर कॉलेज न्यूपोर्ट रोड आइलैंड में आयोजित किया गया। इस बीच सीएनएस ने आईएसएस के इतर विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 24 Sep 2023 03:10 PM (IST)
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भारतीय नौसेना प्रमुख ने की अंतरराष्ट्रीय समुद्री शक्ति संगोष्ठी में शिरकत (Image: ANI)

नई दिल्ली, ANI। भारतीय नौसेना स्टाफ (CNS) के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 19 से 22 सितंबर तक अमेरिका का दौरा किया। यहां वह 25वें अंतरराष्ट्रीय समुद्री शक्ति संगोष्ठी (ISS) में भाग लेने पहुंचे।

भारतीय नौसेना ने जानकारी देते हुए बताया की इस कार्यक्रम का आयोजन आईएसएस अमेरिकी नौसेना द्वारा यूएस नेवल वॉर कॉलेज, न्यूपोर्ट, रोड आइलैंड में आयोजित किया गया। बता दें कि यह इंडो-पैसिफिक में समुद्री सहयोग बढ़ाने के साझा दृष्टिकोण की दिशा में मित्रवत विदेशी देशों के साथ जुड़ने का अहम अवसर होता है। 

अमेरिका समेत इन देशों से हुई द्विपक्षीय वार्ता

इस बीच सीएनएस ने आईएसएस के इतर विभिन्न देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, फिजी, इजराइल, इटली, जापान, केन्या, पेरू, सऊदी अरब, सिंगापुर और यूके देश शामिल है।

यात्रा के दौरान व्यापक गतिविधियां मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक और अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित आदेश के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में भारतीय नौसेना की दृढ़ता का प्रदर्शन किया गया।

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इन विषयों पर हुई चर्चा

मालाबार, रिमपैक, सी ड्रैगन और टाइगर ट्रायम्फ जैसे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों में अधिक आईएन-यूएसएन परिचालन भागीदारी की खोज के लिए व्यापक विचार-विमर्श किया गया। आईएसएस में सीएनएस ने मानव संसाधन प्रबंधन की चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से बात की।

इसमें प्रशिक्षित कर्मियों की भर्ती और प्रतिधारण और अग्निपथ योजना के माध्यम से इन्हें संबोधित करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और भारतीय नौसेना को लिंग-तटस्थ बल में लाने की दिशा में भारत की पहल के विशेष संदर्भ में बात की गई। सीएनएस की अमेरिका यात्रा ने द्विपक्षीय सहयोग को और भी गहरा किया है। साथ ही भारत-प्रशांत में विविध भागीदारों के साथ जुड़ने के लिए शीर्ष स्तर की नौसेना की भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया गया।

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