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Aero India 2023: क्या है एयरो इंडिया शो, जिसके आयोजन के जरिए दुनिया देख रही भारत का दम

Aero India 2023 एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में एयरो इंडिया एशिया की सबसे बड़ी प्रदर्शनी है। रक्षा उपकरणों एवं तकनीक को प्रदर्शित करने वाला यह आयोजन साल 1996 से लगातार हर दो साल के बाद हो रहा है। आइए जानतें हैं कि इस आयोजन से जुड़ी कुछ खास बातें।

By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 15 Feb 2023 10:27 PM (IST)
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Aero India 2023: आइए जानते हैं एयरो इंडिया से जुड़ी खास बातें। (फोटो सोर्स: जागरण)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। जिस एफ-35 और बी1बी बॅाम्बर जैसे सुपरसोनिक जेट का नाम सुनते ही दुश्मन देशों के पसीने छूट जाते हैं, उस 'फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट' ने भारत की धरती पर दस्तक दी। बेंगलुरु के येलहंका वायु सेना स्टेशन में चल रहे एयरो इंडिया के 14वें संस्करण (Aero India 2023) में यह विमान दुनिया के सामने अपनी ताकत दिखा रहे हैं।

दरअसल, एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में एयरो इंडिया शो, एशिया और दुनिया की सबसे बड़ी प्रदर्शनी है। युद्धक विमानों, रक्षा उपकरणों एवं तकनीक को प्रदर्शित करने वाला यह आयोजन साल 1996 से लगातार हर दो साल के बाद सफलतापूर्वक आयोजित हो रहा है। 

शो में हुंकार भरते हैं दुनिया के शक्तिशाली विमान 

इस आयोजन की महत्ता इससे समझी जा सकती है कि इसमें अमेरिका, रूस समेत दुनिया के कई शक्तशाली मुल्क अपने सबसे खतरनाक विमानों को प्रदर्शनी के लिए उतारते हैं। इस शो में अलग-अलग देशों के एयरफोर्स के नए विमान, हथियार और तकनीकि का प्रदर्शन किया जाता है। प्रदर्शनी के साथ ही आम लोगों के लिए एयर शो होता है जिसमें अलग-अलग फॉर्मेशन में एयरक्राफ्ट जबरदस्त करतब दिखाते नजर आते हैं।

इस आयोजन के पीछे सबसे बड़ा मकसद है कि दुनिया को यह पता चल सके कि डिफेंस ऐविशएन में क्या नई तकनीक आई है। डिफेंस सेक्टर का यह एक ऐसा मेला है, जहां दुनिया एयरोस्पेस से जुड़े नवीनतम उपकरणों को देखते हैं।  

14 वें संस्करण में स्वदेशी विमानों की दिख रही ताकत 

एयरो इंडिया के 14वें संस्करण (Aero India 2023) में तकरबीन 98 देश शामिल हुए हैं। यह शो डिजाइन नेतृत्व में भारत की प्रगति, यूएवी क्षेत्र में वृद्धि, रक्षा अंतरिक्ष और भविष्य की प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित कर रहा है। इस प्रदर्शन में 98 देशों 100 से ज्यादा डिफेंस कंपनियां हिस्सा ले रहीं हैं। बता दें कि 700 से ज्यादा कंपनियां भारत की ही हैं। 

शो के उद्घाटन के दौरान भारतीय वायु सेना के Su-30 विमान ने उड़ान भरी थी। इस बार अमेरिकी सेना के एफ-35 से लेकर बी1बी बॅाम्बर जैसे कई लड़ाकू विमानों ने भी एयरो इंडिया शो में एरोबेटिक प्रदर्शन किया।14वें एयरो इंडिया की थीम 'रन-वे टू अ बिलियन अपॉरच्यूनिटीज' है। बता दें कि स्वदेशी तकनीक से बना तेजस का ताकत भी दुनिया देख रही है।

इस संस्करण में जेटपैक सूट भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसकी खासियत है कि यह ऐसा सूट है जिसे पहनकर इंसान जेट बन जाता है। गैस टर्बाइन इंजन से चलने वाले इस सूट को पहनर जवान 10 से 15 मीटर हवा में उड़ सकेंगे।

मंत्रालय के अनुसार, प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॅाट एविएशन, लॅाकहीड मार्टिन, इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रम्होस एयरोस्पेस, हिंदुस्तान एयरोनॅाटिक्स लिमिटेड (HAL), भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (BEL) शामिल हैं।

इस ओयजन के जरिए लाइट कॅाम्बेट एयरक्राफ्ट- तेजस, एचटीटी-40, डोर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॅाप्टर, लाइट कॅाम्बेट हेलीकॅाप्टर जैसे स्वेदेशी विमानों को दुनिया के अलग-अलग देशों में एक्सपोर्ट करने का लक्ष्य है। इस शो का मकसद केंद्र सरकार के 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के विजन के अनुसार स्वदेशी उपकरणों और तकनीकी का प्रदर्शन करना है।

हर संस्करण के साथ बढ़ती गई एयरो इंडिया की भव्यता  

इतिहास की ओर झांके तो इस आयोजन की शुरुआत सबसे पहली बार साल 1996 में हुई थी। इसके बाद हर साल यह आयोजन बेंगलुरु में ही आयोजित किया जाता रहा है। गौरतलब है कि अपने पहले ही साल में एयरो इंडिया को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हो गई थी।

दूसरे संस्करण में बोइंग 717 से लेकर बोइंग 777 तक ने लिया था हिस्सा

दूसरा संस्करण 8 दिसंबर 1998 को येलहंका वायु सेना बेस पर शुरू हुआ। इसका उद्घाटन भारत के रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस ने किया था। इसमें तीन जगुआर, तीन मिग-23, तीन एचएएल तेजस, सूर्य किरण एरोबेटिक टीम के 9 एचएएल किरण विमान, हॉक 200, मिराज 2000 और सुखोई एसयू-30एमकेआई ने फ्लाई पास्ट किया था। इस आयोजन में फ्रांस और रूस के विमानों ने भी शिरकत किया था। आयोजन में बोइंग 717 से लेकर बोइंग 777 तक ने हिस्सा लिया था। इसके बाद साल 2001 मे एयरो इंडिया का तीसरा संस्करण आयोजित किया गया।

एचएएल ध्रुव की एक जोड़ी ने अपना पहला प्रदर्शन किया था

5 से 9 फरवरी 2003 तक चले एयरो इंडिया के चौथे संस्करण में भारत की एचएएल ध्रुव की एक जोड़ी ने अपना पहला प्रदर्शन किया था। इस आयोजन में मिराज 2000 और सुखोई एसयू-30 ने भी उड़ान भरी थी।

पांचवें संस्करण में यू.एस. हॉकआई 2000 बना आकर्षण का केंद्र

साल 2005 में आयोजित पांचवें संस्करण में रूसी विमान मिग-29K, Su-30MKI और Il-78 टैंकर से लेकर अमेरिकी F-15E, C-130J सुपर हरक्यूलिस और P-3C ओरियन विमान; फ्रेंच विंटेज मिराज 2000 और फाल्कन 2000 तक ने हिस्सा लिया था। इस ओयजन में यू.एस. हॉकआई 2000 आकर्षण का केंद्र बन गया था।

साल 2007 में आयोजित एयरो इंडिया के छठे संस्करण में लॉकहीड-मार्टिन एफ-16, साथ ही बोइंग एफ/ए-18ई/एफ सुपर हॉर्नेट ने हिस्सा लिया था।

एयर शो के दैरान साल 2019 में हुआ था हादसा 

साल 2019 में हुए एयरो इंडिया के सातवें संस्करण में कुल 72 विमान एयर शो का हिस्सा थे। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण फ्लाई पास्ट और एचएएल तेजस, एचएएल लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर थे। आयोजन में अमेरिका से दो F-15C ईगल, दो F-16C फाइटिंग फाल्कन्स, एक बोइंग KC-135 टैंकर, एक C-17 ग्लोबमास्टर III और एक शामिल हुए थे।

साल 2019 में हुए 12वें संस्करण में एयर शो से पहले रिहर्सल के दौरान बड़ा हादसा हुआ था। येलहांका एयरबेस से रिहर्सल के लिए उड़े वायुसेना की एयरोबेटिक्स टीम सूर्य किरण के दो हॉक्स विमान हवा में टकरा गए। इससे एक पायलट (विंग कमांडर) साहिल गांधी की मौत हो गई, जबकि दो पायलट पैराशूट के सहारे बच निकले थे।

एयरो इंडिया के 14वें संस्करण में पीएम मोदी ने कहा था, ‘अमृतकाल का भारत एक फाइटर पायलट की तरह आगे बढ़ रहा है, जिसको ऊंचाइयां छूने से डर नहीं लगता। जो सबसे ऊंची उड़ान भरने के लिए उत्साहित है। आज का भारत तेज सोचता है, दूर की सोचता है और तुरंत फैसले लेता है।  इस आयोजन के जरिए भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में बढ़ा रहे अपनी ताकत को दुनिया के सामने पेश कर रहा है। इस आयोजन की भव्यता हर संस्करण के साथ बढ़ती जा रही है। 

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