जानें क्यों 28 माह बाद भारत-पाकिस्तान ने एक दूसरे के राजनयिकों को जारी किए वीजा
भारत और पाकिस्तान ने करीब 28 महीनों के बाद एक दूसरे के राजनयिकों को असाइनमेंट वीजा जारी किए हैं। भारत और पाकिस्तान ने हालिया हफ्तों में एक दूसरे के राजनयिकों को 15 मार्च 2021 तक दाखिल सभी आवेदनों पर वीजा जारी कर दिए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिश के तहत भारत और पाकिस्तान ने करीब 28 महीनों के बाद एक दूसरे के राजनयिकों को असाइनमेंट वीजा जारी किए हैं। पाकिस्तान के एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान ने हालिया हफ्तों में एक दूसरे के राजनयिकों को 15 मार्च, 2021 तक दाखिल सभी आवेदनों पर वीजा जारी कर दिए हैं। इस तरह कुल सात पाकिस्तानी राजनयिकों को भारतीय वीजा और 33 भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तानी वीजा मिला है। दोनों देश एक दूसरे के राजनयिकों को और असाइनमेंट वीजा जारी कर सकते हैं। बता दें कि दोनों देश अन्य देशों के राजनयिकों और दूतावास कर्मियों के लिए असाइनमेंट वीजा जारी करते हैं।
दुबई में गुप्त वार्ता के बाद हुई थी संघर्ष विराम की घोषणा
दोनों देशों ने इस साल जनवरी में दुबई में गोपनीय वार्ता की थी और बैक चैनल कूटनीति की शुरुआत की थी। इसका मकसद अगले कुछ महीनों में संबंधों को सामान्य बनाना था। इसके बाद फरवरी, 2021 में दोनों देशों की सेनाओं ने अप्रत्याशित रूप से संयुक्त संघर्ष विराम की घोषणा की थी। मार्च में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत से अतीत को दफन करने और सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया था।
यूएई ने किया दोनों देशों के बीच मध्यस्थता का दावा
वाशिंगटन में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजदूत यूसुफ अल ओतैबा ने अप्रैल में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन के साथ एक वर्चुअल चर्चा में कहा था कि कश्मीर में तनाव घटाने और संघर्ष विराम में यूएई ने भूमिका निभाई थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि कूटनीतिक संबंध बहाल होंगे और फिर स्वस्थ संबंध बनेंगे। उनका कहना था कि वे भले ही अच्छे दोस्त न बनें, लेकिन हम चाहते हैं कि वे कम से कम एक दूसरे से बातचीत करें। बता दें कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में जबर्दस्त खटास आ गई थी।