'कृषि के बाद टूरिज्म सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार', संस्कृत मंत्री बोले- इसे बनाएंगे अर्थव्यवस्था का ड्राइवर
India International Hospitality Expo उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आज यानी 3 अगस्त से इंडिया इंटरनेशनल हॉस्पिटैलिटी एक्सपो का आयोजन शुरू हो गया है जोकि 6 अगस्त तक चलेगा। कार्यक्रम के शुभारंभ में केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने पर्यटन की महत्ता पर जोर डालते हुए कहा कि यह कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार देने वाला सेक्टर है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। भारत के पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को कहा कि भारत में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। कृषि के बाद पर्यटन सबसे बड़ा रोजगार देने वाला सेक्टर है। अर्थ व्यवस्था की सेहत के लिए इसे बढ़ाया जाएगा और वह वादा करते हैं कि अर्थव्यवस्था का ड्राइवर इस सेक्टर को बनाएंगे।
हालांकि उन्होंने चुनौतियां भी गिनाईं। नये पर्यटन स्थलों को विकसित करने में असफल रहने की बात करते हुए, उन्होंने राज्यों के साथ मिल कर पर्यटन को सीजनल के बजाए वर्ष भर का चलन बनाने पर जोर दिया। पर्यटन मंत्री ने ये बातें ग्रेटर नोएडा एक्सपो में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल हास्पिटेलिटी एक्सपो के उद्धाटन संबोधन में कही।
16 देशों के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
कार्यक्रम में म्यांमार के राजदूत एच ई मो क्याव आंग, वियतनाम के दूतावास के मुख्य व्यापार सलाहकार बुई ट्रुंग थुओंग, इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट के चेयरमैन राकेश कुमार व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर से जुड़ी हस्तियों ने भाग लिया। इसमें 16 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं और एक हजार ब्रांड प्रदर्शित किये जा रहे हैं। शेखावत ने कहा कि सरकार पर्यटन और आतिथ्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बढ़ावा देन के लिए मार्ट के चेयरमैन राकेश कुमार के प्रयासों की भी सराहना की। कहा कि पर्यटन में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देने की क्षमता है। हमारे पास सभी संसाधन हैं। हम इस क्षेत्र में विविधता और नये व्यवसायिक अवसर देख रहे हैं, और यह एक्सपो उन्हें जानने के लिए एक सही मंच है।
भारत में हैं सभी तरह के आकर्षण: शेखावत
शेखावत ने कहा कि पर्यटन को लेकर जितनी तरह के आकर्षण दुनिया में हो सकते हैं, वे सब भारत में मौजूद हैं। विश्व में जितने तरह के खाद्यान्न हैं, वो सब भारत में पैदा किए जाते हैं। इसी तरह इतिहास, किले महल, पहाड़ बर्फ, बीच, ट्रैकिंग ट्रैक्स, वाइल्ड लाइफ सफारी, रेगिस्तान, मेडिकल टुरिजम, आध्यात्मिक पर्यटन किसी भी सैक्टर में भारत के पास परोसने के लिए सब कुछ है। इसे बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए सरकार कटिबद्ध है।'विकसित भारत मिशन में पर्यटन का अहम योगदान'
हालांकि, उन्होंने कहा कि इस सेक्टर के प्लेयर की जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी है। मंत्री के अनुसार 2047 तक विकसित भारत बनाने में यह सेक्टर बड़ा योगदान दे सकता है। चुनौतियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटकों की संख्या के अनुपात में पर्यटन स्थल विकसित करने चाहिए थे। इस बारे में राज्य सरकारों से भी बात की है।गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जितने स्थल अचानक हमारे जेहन में आते हैं, वो सब या तो अंग्रेजों ने बनाए हैं या उसके पहले से बने हुए हैं। पिछले सौ साल में हम नये पर्यटन स्थल विकसित करने में नाकाम रहे हैं। उन्होने कहा कि उन्होंने भारत को एक चिरस्थाई पर्यटन स्टेशन के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। कहा अभी देश में पर्यटन सीजनल होते हैं उनको हम कैसे साल भर चलने वाला पर्यटन बना सकें इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है।