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इंसानों के बाद अब दुधारू पशुओं को मिलेगा 'आधार'

इंसानों के बाद अब देश भर में दुधारू पशुओं को भी एक विशिष्ट पहचान संख्या देने की तैयारी है। उन्हें 12 अंकों का नंबर मिलेगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 27 Mar 2018 11:55 AM (IST)
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इंसानों के बाद अब दुधारू पशुओं को मिलेगा 'आधार'

इंदौर (नईदुनिया)। इंसानों के आधार कार्ड की तरह अब देशभर में दुधारू पशुओं को इसी तर्ज पर यूनिक आइडी नंबर दिया जाएगा। इसके तहत पशुओं की जानकारी जुटाने के बाद उन्हें 12 अंकों का एक नंबर दिया जाएगा और कान में बारकोडिंग वाला एक विशेष टैग भी लगाया जाएगा।

मध्य प्रदेश में गोवंश की संख्या एक करोड़ 96 लाख, जबकि भैंसों की संख्या 81 लाख है। योजना के पहले चरण में इन दो करोड़ 77 लाख पशुओं में से प्रजनन योग्य 90 लाख गाय-भैंस को यह टैग लगाया जाएगा। इंदौर जिले में प्रजनन योग्य एक लाख 48 हजार गाय-भैंसें हैं।

एक क्लिक पर मिलेगी पशु और मालिक की जानकारी

पशुओं को यूनिक आइडी देने का काम केंद्र सरकार के इंफॉर्मेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ (इनफ) योजना के तहत किया जा रहा है। शासन के पास पशुओं की अनुमानित संख्या तो है, लेकिन उनकी पूरी जानकारी नहीं होती। इस प्रक्रिया के माध्यम से एक क्लिक पर पशु और मालिक से जुड़ी तमाम जानकारी इकट्ठा होंगी।

पशु की नस्ल, उम्र, आखिरी प्रजनन और गर्भाधान का समय, दूध की मात्रा, बीमारियां, दी जाने वाली दवाइयां आदि का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही मालिक का नाम, पता आदि भी होगा।

अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर नस्ल के लिए जरूरी

पशु चिकित्सा सेवा के उपसंचालक सीके रत्नावत ने बताया कि जब कोई पशु इलाज के लिए सरकारी चिकित्सालय आता है तो उसकी सही उम्र, नस्ल, प्रजनन, बीमारी संबंधी जानकारी नहीं होती, जिसके कारण इलाज में परेशानी होती है। यूनिक आइडी नंबर के आधार पर जब उसकी जानकारी मिलेगी तो डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रख इलाज करेगा।

अब तक देश में पशुओं का व्यवस्थित रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर यह कार्यक्रम शुरू किया गया है ताकि दुधारू पशुओं के प्रजनन तथा स्वास्थ्य संबंधी मामले में बेहतर सेवाएं दी जा सकें। मध्य प्रदेश में एक करोड़ 10 लाख प्रजनन योग्य गाय-भैंस में से पहले चरण में 90 लाख को टैग लगाया जाएगा और  जानकारी सॉफ्टवेयर पर अपलोड होगी।

- एचबीएस भदौरिया,

प्रबंध संचालक, मप्र. राज्य पशुधन

एवं कुक्कुट विकास निगम