Monkeypox को लेकर सरकार एक्टिव मोड में, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री बोले- कोरोना काल से सीखकर हम अभी से सक्रिय
Monkeypox Virus यूएई से केरल लौटे व्यक्ति में मंकीपाक्स के लक्षण मिलने के बाद से केंद्र सरकार एक्टिव मोड में आ गई है। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने भी राज्य में पुख्ता व्यवस्था करने की बात कही है।
पणजी, एजेंसी । दुनियाभर में कोरोना की महामारी के बाद अब मंकीपाक्स का प्रकोप देखा जा रहा है। कई देशों में मंकीपाक्स के केस सामने आने के बाद अब भारत में भी इसका एक केस मिला है। केरल में दो दिन पहले ही पहला केस मिला है, यूएई से केरल लौटे एक व्यक्ति में इसके लक्षण पाए गए हैं। केस मिलने के बाद से केंद्र सरकार एक्टिव मोड में आ गई है। इस बीच गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने भी राज्य में पुख्ता व्यवस्था करने की बात कही है।
राणे बोले- कोविड से ली सीख
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार मंकीपाक्स का केस मिलने के बाद केंद्र सरकार ने भी इसके लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है। जिसके बाद गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा है कि हमें भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव से एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें हमें सरकार द्वारा उठाए जाने वाले सक्रिय कदमों के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा कि हमने कोविड से सीख ली है और हम विश्व स्तर पर देख सकते हैं कि कैसे मंकीपाक्स कोरोना की तरह तेजी से फैल रहा है।
मंत्री ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि हमें केंद्रीय पोर्टल पर सारी जानकारी मिल जाएगी। लेकिन गोवा सरकार, अन्य सभी राज्य सरकारों की तरह, भारत सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों का सख्ती से पालन करेगी।
केंद्र ने कल ही जारी की गाइडलाइन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल में मंकीपाक्स का केस मिलते ही दिशानिर्देश (Guidelines) जारी कर दिए हैं। मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को मंकीपाक्स को लेकर निगरानी बढ़ाने को कहा है। आइए जानते हैं स्वास्थ्य मंत्रालय क्या दिए हैं दिशा निर्देश-
- लोगों को किसी भी बीमार व्यक्ति से निकट संपर्क न बनाने को कहा गया है।
- जिन लोगों को त्वचा या जननांग घाव हैं उनसे भी दूरी बनाने की बात गाइडलाइन में कही गई है।
- मृत जानवरों के निकट न जाने की हिदायत दी गई है। साथ ही फिलहाल चूहे, गिलहरी और बंदरों के साथ संपर्क ना रखने को कहा गया है।
- लोगों को जंगली जानवरों से भी दूरी बनाने की नसीहत दी गई है।
- मंत्रालय के अनुसार अफ्रीका के जंगली जानवरों से बनाए गए उत्पाद जैसे क्रीम, लोशन और पाउडर का उपयोग भी अभी नहीं करना चाहिए।
- गाइडलाइन में बीमार लोगों द्वारा उपयोग कपड़े, बिस्तर आदि का भी उपयोग नहीं करने को कहा गया है।