सांप्रदायिकता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने में जुटी कांग्रेस ने राहुल के बाद अब सोनिया गांधी के जरिये सरकार पर जोरदार हमला बोला है। चुनाव के बाद अपने पहले सीधे और तीखे हमले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप जड़ा है। उनका कहना है कि मोदी राज में दंगे बढ़े हैं।
By Edited By: Updated: Wed, 13 Aug 2014 02:31 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सांप्रदायिकता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने में जुटी कांग्रेस ने राहुल के बाद अब सोनिया गांधी के जरिये सरकार पर जोरदार हमला बोला है। चुनाव के बाद अपने पहले सीधे और तीखे हमले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप जड़ा है। उनका कहना है कि मोदी राज में दंगे बढ़े हैं। उत्तर प्रदेश सहित देश के कुछ राज्यों में हो रही सांप्रदायिक घटनाओं पर केंद्र को घेरते हुए सोनिया ने फलस्तीन के मुद्दे को लेकर नई सरकार पर पुरानी भारतीय परंपरा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।
लोकसभा चुनावों के बाद हार से हताश पार्टी को सरकार को घेरने में अपेक्षित सफलता मिलते न देख कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अब खुद मैदान में आ गई हैं। केरल प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने तिरुअनंतपुरम पहुंचीं सोनिया ने केंद्र की सरकार को उसकी नीतियों के लिए घेरा तो देश की वर्तमान उपलब्धियों का श्रेय देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को दिया। सोनिया ने मोदी सरकार पर देश की स्थापित परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि नई सरकार ने 'फलस्तीन के उत्पीड़ित लोगों का साथ देने की पुरानी भारतीय परंपरा के साथ विश्वासघात किया है।'
सोनिया ने कहा कि 'केंद्र में नई सरकार के बनने के साथ छोटे से अंतराल में सांप्रदायिक हिंसा की लगभग 600 घटनाएं हुई हैं।' सोनिया ने उत्तर प्रदेश में हाल की तनावपूर्ण घटनाओं के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 11 हफ्तों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं खास तौर पर उत्तर भारत में बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, 'यह हम सबके लिए चिंता की वजह है। संप्रग-1 और संप्रग-2 के शासनकाल में हिंसा की ऐसी घटनाएं नहीं हुई थीं। हम मानते हैं कि लोगों को बांटने के लिए ये सब जानबूझकर किया जा रहा है।' सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'हमें धर्मनिरपेक्ष और बहुलवादी समाज को बढ़ावा देना चाहिए।' लेकिन मोदी सरकार समाज को बांटने के एजेंडे पर चल रही है। वही कमजोर होते संगठन की नब्ज पकड़ते हुए सोनिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठन मजबूत करने के लिए जी-जान से मेहनत करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, 'देश को बांटने वाली ताकतों से लड़ने के लिए ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। हमें कांग्रेस को ऐसी पार्टी बनाने के लिए मेहनत करना चाहिए जो लोगों की उम्मीदों को पूरा कर सके। महिला आरक्षण की चर्चा करते हुए सोनिया ने कहा कि महिला आरक्षण बिल को पारित कराने के लिए पार्टी राजग सरकार पर दबाव बनाएगी। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के सभी कद्दावर नेता मौजूद थे, लेकिन सोनिया के करीबी पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की बैठक से अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष के प्रहार पर तीखा पलटवार किया। संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कांग्रेस पर खुद ही सांप्रदायिक होने का आरोप लगाया। वहीं भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 'कांग्रेस 50 हजार दंगों की माला गले में डाले घूम रही है और अब सांप्रदायिक हिंसा पर बिल चाहती है।' प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने भी सोनिया के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। 'क्या यह चौंकाने वाला नहीं है कि भाजपा के सत्ता में आते ही सांप्रदायिक हिंसा की वारदात एकदम से बढ़ गई? यह जानबूझकर समाज को बांटने के लिए किया जा रहा है।'
-सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष 'कांग्रेस खुद सांप्रदायिक हिंसा में शामिल रही है और अब इस पर राजनीति कर रही है। वोट बैंक की राजनीति का नतीजा कांग्रेस भुगत चुकी है।' वेंकैया नायडू, संसदीय कार्यमंत्री पढ़े:
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