ALH Dhruv: लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद हेलीकॉप्टर ध्रुव की हुई जांच, सामने आईं कई खामियां- रिपोर्ट
देश में विकसित अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव (Advanced Light Helicopter Dhruv) में संभावित खामियों के रूप में कुछ घटकों में डिजाइन और धातु विज्ञान संबंधी खामियों की पहचान की गई है। हेलीकॉप्टर की जांच करने के बाद ये जानकारी सामने आई है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन खामियों को दूर किया जा रहा है।
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में विकसित अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव (Advanced Light Helicopter Dhruv) में संभावित खामियों के रूप में कुछ घटकों में डिजाइन और धातु विज्ञान संबंधी खामियों की पहचान की गई है। हेलीकॉप्टर की जांच करने के बाद ये जानकारी सामने आई है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
दुर्घटनाओं के बाद हुई जांच
उन्होंने कहा कि इन खामियों को दूर किया जा रहा है। यह जांच इस तरह के हेलीकॉप्टर से जुड़ी कई दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिसके कारण थल सेना और वायु सेना को अपने बेड़े में शामिल हेलीकॉप्टर की उड़ान रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा था। सुरक्षा जांच संपन्न होने के बाद उड़ान से रोके गए हेलीकॉप्टर ने अपना परिचालन फिर से शुरू कर दिया है।
भारतीय नौसेना, वायुसेना, सेना और तटरक्षक बल के पास कुल 325 से अधिक एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं और दुर्घटनाओं की घटनाओं के बाद उन सभी की तकनीकी जांच की गई।
सामने आईं कई खामियां
सूत्रों ने बताया कि हाल ही में हेलिकॉप्टरों से जुड़ी घटनाओं की जांच के दौरान कुछ घटकों में कुछ डिजाइन और धातु विज्ञान के मुद्दों को संभावित खामियों के रूप में पहचाना गया है।
एएलएच ध्रुव (ALH Dhruv helicopters) हेलीकॉप्टरों को राज्य संचालित एयरोस्पेस प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited, HAL) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
ALH ध्रुव (ALH Dhruv) 5.5 टन वजन वर्ग में एक जुड़वां इंजन, बहु-भूमिका, बहु-मिशन हेलीकॉप्टर है।
उपयोगिता सैन्य संस्करण का प्रमाणीकरण 2002 में पूरा हुआ और नागरिक संस्करण का प्रमाणीकरण 2004 में पूरा हुआ। इन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 2001-02 से शुरू हुई थी।