Skill Education: पढ़ाई के बाद अब बेकार नहीं घूमेगा कोई भी छात्र, उच्च शिक्षा के दौरान प्रत्येक स्तर पर अनिवार्य रूप से मिलेगी स्किल की भी शिक्षा
Skill Education यूजीसी ने इस दौरान उच्च शिक्षा के सभी स्तरों के लिए स्किल को शामिल करते हुए जो नया क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क बनाया है। इसमें एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स करने वालों को स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसका क्रेडिट उसमें दर्ज होगा।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 24 May 2022 05:59 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च शिक्षा की पढ़ाई अब सिर्फ डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट बटोरने के लिए नहीं होगी, बल्कि छात्रों को इस तरह से तैयार भी करेगी कि पढ़ाई के बाद उन्हें बेकार न घूमना पड़े। उच्च शिक्षा के नए क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क को अंतिम रूप देने में जुटे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने इसे लेकर जो मसौदा तैयार किया है, उसके तहत उच्च शिक्षा के सभी स्तरों पर छात्रों को अब अनिवार्य रूप से कौशल ( स्किल) की शिक्षा भी दी जाएगी। इसके तहत नेशनल हायर एजुकेशन क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) के साथ नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) को जोड़ा जा रहा है। जो जल्द ही नए रूप में सामने आएगा। इसके साथ ही एक नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क भी तैयार होगा।
यूजीसी के अनुसार, इस पहल से उच्च शिक्षा के लिए जो नया क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क तैयार होगा, उसमें छात्र को उच्च शिक्षा की पढ़ाई के दौरान किसी न किसी एक स्किल से जोड़ा जाएगा, जिसके आधार पर वह कहीं भी नौकरी या फिर अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकेगा।प्रत्येक सेमेस्टर में स्किल का एक न्यूनतम क्रेडिट स्कोर होगा तय
यूजीसी ने इस दौरान उच्च शिक्षा के सभी स्तरों के लिए स्किल को शामिल करते हुए जो नया क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क बनाया है। इसमें एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स करने वालों को स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसका क्रेडिट उसमें दर्ज होगा। इसी तरह डिप्लोमा या फिर डिग्री कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्रत्येक सेमेस्टर में स्किल से जुड़े प्रशिक्षण के साथ कोर्स के पूरा होने पर इंटर्नशिप भी कराया जाएगा। इनमें बीए, बीएससी और बीकाम जैसी पढ़ाई करने वाले छात्र भी शामिल होंगे।
मौजूदा समय में बीए, बीएससी और बीकाम के बाद छात्रों के लिए कोई नौकरी नहीं है, क्योंकि उन्हें सिर्फ विषयों की पढ़ाई कराई गई है। इसके अलावा उनके पास कोई स्किल नहीं होता है। ऐसी स्थिति में वह उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी नौकरी या रोजगार की तलाश में भटकते रहते हैं।
गौरतलब है कि यूजीसी ने यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की उन सिफारिशों को ध्यान में रखने हुए की है, जिसमें छात्रों को अनिवार्य रूप से किसी न किसी एक कौशल (स्किल) की शिक्षा देने की सिफारिश की गई है। इसके तहत स्कूलों से ही इस मुहिम को छेड़ने का भी प्रस्ताव है।
उद्योगों की जरूरत के आधार किया जाएगा प्रशिक्षितयूजीसी ने इस दौरान उच्च शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर छात्रों को स्किल से जोड़ने के लिए अलग-अलग मानक तैयार किए हैं। डिप्लोमा के दौरान उन्हें विश्लेषण करने के साथ ही तकनीकी काम-काज में दक्ष बनाने से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। यूजीसी के मुताबिक, इन सभी मानकों को उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।