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गर्मी के बाद अब बारिश का कहर, पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन प्रभावित; चारधाम मार्ग भी बाधित

Weather News बीते कई महीनों से भीषण गर्मी के कहर के बाद अब बारिश आफत बनकर आई है। पहाड़ी से लेकर मैदानी इलाकों तक लगातार हुई बारिश ने आम जानजीवन को प्रभावित किया है। भारी बारिश के चलते चारधाम यात्रा भी अवरुध्द हुई है और कई जगहों पर राजमार्ग बंद हैं। केदारनाथ मार्ग पर 20 घंटे तक 3000 तीर्थयात्री फंसे रहे।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 07 Jul 2024 02:00 AM (IST)
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भारी बारिश से उत्तर भारत के कई पहाड़ी राज्य प्रभावित हैं। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण टीम, नई दिल्ली। उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही वर्षा के चलते दुश्वारियां बढ़ गई हैं। नदी नालों के रौद्र रूप धारण कर लेने और भूस्खलन के कारण सड़कें खतरनाक हो गई हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में शनिवार को बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर बाइक सवार दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई।

केदारनाथ मार्ग पर 20 घंटे तक 3000 तीर्थयात्री फंसे रहे। वहीं, भूस्खलन के चलते प्रदेश के 200 से अधिक संपर्क मार्ग बाधित हैं, जबकि 300 से अधिक गांव अलग-थलग पड़े हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी कई जिलों में मूसलधार वर्षा का दौर जारी है। इसके अलावा मैदानी क्षेत्र मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी वर्षा का दौर जारी है।

आठ जुलाई तक जारी रहेगी वर्षा

उत्तराखंड स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आठ जुलाई तक वर्षा का दौर इसी प्रकार बना रह सकता है। शनिवार को चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है। हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में भी भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में भी मौसम विभाग ने एक सप्ताह तक ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना जताई है।

कई नदियां चेतावनी रेखा के ऊपर

उत्तराखंड में लगातार हो रही वर्षा के आम जन की परेशानी बढ़ने लगी हैं। शनिवार को चमोली में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर बाइक सवार दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई। हैदराबाद निवासी दोनों तीर्थयात्री निर्मल शाही और सत्यनारायण बदरीनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे थे। लगातार हो रही वर्षा के कारण चारधाम यात्रा मार्ग भी लगातार अवरुद्ध हो रहे हैं।

20 घंटे फंसे रहे 3000 से अधिक तीर्थयात्री

केदारनाथ राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग में डोलिया देवी के समीप 20 घंटे तक मार्ग अवरुद्ध रहा। इस दौरान 3,000 से अधिक तीर्थयात्री फंसे रहे। बद्रीनाथ में राजमार्ग मलबा आने से सात स्थानों पर करीब नौ घंटे बंद रहा, जिससे बद्रीनाथ और हेमकुंड की यात्रा पर आए 2,000 से अधिक श्रद्धालु जहां-तहां फंस गए। उत्तरकाशी में मलबा आने से गंगोत्री राजमार्ग तीन और यमुनोत्री राजमार्ग चार घंटे बाधित रहा।

इस दौरान एक हजार से अधिक तीर्थयात्री फंसे रहे। वहीं, रुद्रप्रयाग में अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का जलस्तर चेतावनी रेखा के ऊपर पहुंच गया है। पिथौरागढ़ जिले में काली, गोरी और बागेश्वर में सरयू नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। नदी किनारे रह रहे आधा दर्जन परिवारों ने घर खाली कर दिए हैं।

कांगड़ा में वर्षा ने तोड़ा आठ वर्ष का रिकॉर्ड

हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार रात से जारी मूसलधार वर्षा का सिलसिला शनिवार को भी जारी रही। कांगड़ा जिले के धर्मशाला में 214.6, पालमपुर में 212.4 और कांगड़ा में 157.6 मिलीमीटर वर्षा हुई। कांगड़ा में वर्ष 2016 का 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा का रिकॉर्ड टूट गया है। अन्य जिलों में भी लगातार वर्षा जारी है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

भूस्खलन से प्रदेश की कई सड़कें बंद हैं तो 44 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। 34 ट्रांसफार्मर से बिजली आपूर्ति भी बाधित है। वहीं, दूसरी ओर लाहुल स्पीति के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्का हिमपात हुआ है। ऐसे में लगातार वर्षा व हिमपात से न्यूनतम तापमान में एक से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।

मप्र और राजस्थान में भी आफत बनी वर्षा

मध्य प्रदेश के इंदौर-उज्जैन वाले मालवा-निमाड़ और भोपाल मुख्यालय वाले मध्य अंचल पर तो मानसून कायदे से मेहरबान है। यहां के जिलों में रुक-रुककर हल्की से मध्यम वर्षा हो जा रही है, इतनी नहीं कि कई जगह बाढ़ या भारी जलभराव जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके साथ ही ग्वालियर अंचल में मानसून जैसे आकाश फाड़कर बरस पड़ा है।

श्योपुर में राजस्थान के बारां, कोटा, पाली को जोड़ने वाले खातौली पुल पर चार से पांच फीट पानी के बहाव से सड़क संपर्क कट गया है। इसी तरह राजस्थान के कोटा और टोंक में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। हमीरपुर का बांध पूरी तरह भर गया, जिससे इसके बाद पानी बाहर रास्ते में बहने लगा है। टोंक में बिगड़े हालात को देखते हुए सभी स्कूलों में शनिवार को अवकाश घोषित किया गया है।