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तमिलनाडु में गरमाई राजनीति, राज्यपाल के दूसरे पत्र के बाद स्टालिन ने बुलाई बैठक; 10 बड़ी बातें

तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने के कारण राज्य में राजनीति गरमाई हुई है। आज मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज सुबह 1030 बजे वरिष्ठ नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी। इस बीच राज्यपाल ने कैबिनेट मंत्री के बर्खास्तगी के आदेश पर फिलहाल स्टे लगा दिया है। वहीं राज्यपाल ने 5 घंटे बाद अपने फैसले को वापस ले लिया था।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 30 Jun 2023 02:13 PM (IST)
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राज्यपाल के दूसरे पत्र के बाद एम के स्टालिन ने बुलाई बैठक
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने गुरुवार शाम 7 बजे कैश फॉर जॉब स्कैम मामले में जेल में बंद मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया था। लेकिन 5 घंटे बाद उन्होंने अपने फैसले को वापस ले लिया।

गर्वनर ने बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया था। अब वह अटार्नी जनरल की सलाह के बाद अंतिम फैसला सुनाएंगे।

मीडिया रिपोटर्स के अनुसार, गर्वनर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सलाह लेने के बाद अपना फैसला वापस लिया है। वहीं, दूसरी तरफ CM एमके स्टालिन ने इस फैसले को गलत बताया था और इसे कोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी।

वहीं, इन सबके बीच अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज सुबह 10:30 बजे वरिष्ठ नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी। 

अब तक क्या-क्या हुआ?

  1. डीएमके समर्थकों ने चेन्नई में डीएमके मुख्यालय अन्ना अरिवलयम के पास पोस्टर लगाए हैं, जिसमें राज्यपाल आरएन रवि से केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ सवाल उठाए गए हैं, जो अभी भी कैबिनेट में हैं और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
  2. डीएमके सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल आरएन रवि को कड़े शब्दों में एक पत्र भेजा जाएगा।
  3. राज्यपाल ने अपने पहले संचार के ठीक पांच घंटे बाद मुख्यमंत्री स्टालिन को दूसरा पत्र लिखा, जिसमें बताया गया कि गृह मंत्रालय ने उन्हें अटॉर्नी जनरल से कानूनी राय लेने के लिए कहा है और तब तक, उनके पहले संचार को स्थगित रखा गया है।
  4. डीएमके के एक पदाधिकारी ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि राज्यपाल पीछे हट गए हैं और वह पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि DMK को निशाना बनाने के लिए भाजपा की सभी राजनीतिक चालें तमिलनाडु में उल्टी पड़ रही हैं।
  5. आरएन रवि ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से सलाह किए बिना मंत्री वी सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने की घोषणा की थी।
  6. एमके स्टालिन ने पहले राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें मंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है और उनकी सरकार इस मामले में कानूनी रूप से आगे बढ़ेगी।
  7. बालाजी, जिन्हें दो सप्ताह पहले गिरफ्तार किया गया था और कथित नकदी के बदले नौकरी घोटाले में आपराधिक कार्यवाही के बीच जेल में हैं, को एमके स्टालिन द्वारा बिना पोर्टफोलियो के मंत्री के रूप में बरकरार रखा गया था, एक निर्णय जिसे राज्यपाल रवि ने एकतरफा ओवरराइड करने का फैसला किया था।
  8. एक आधिकारिक बयान में राजभवन ने कहा कि सेंथिल बालाजी को "भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें नौकरियों के लिए नकद लेना और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल है। इसमें कहा गया कि इन परिस्थितियों में, राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है।
  9. मंत्री सेंथिल बालाजी, जिनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद बाईपास सर्जरी हुई थी, की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ा दी गई।
  10. वी सेंथिल बालाजी पश्चिमी कोंगु क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता हैं। सालों पहले द्रमुक (DMK) में शामिल होने से पहले वह अन्नाद्रमुक (AIADMK ) में थे।

सेंथिल बालाजी को ED ने किया था गिरफ्तार

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 14 जून को सेंथिल बालाजी को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था। बाद में जांच के दौरान बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। 

न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ी

इसके बाद, सेंथिल बालाजी को कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी बाईपास सर्जरी की गई। चेन्नई की एक अदालत ने बुधवार को सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ा दी थी। मंत्री अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे।

उल्टी पड़ रही भाजपा की सभी राजनीतिक चालें?

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के आला अधिकारी इस मामले पर कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह की रणनीति तैयार करने के लिए अपने नेताओं और पदाधिकारियों से परामर्श कर सकते हैं। एक पदाधिकारी ने कहा कि राज्यपाल पीछे हट गए हैं और वह पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि द्रमुक को निशाना बनाने के लिए भाजपा की सभी राजनीतिक चालें तमिलनाडु में उल्टी पड़ रही हैं।

सेंथिल अभी भी बने रहेंगे मंत्री?

गवर्नर हाउस के सूत्रों ने बताया कि गवर्नर ने इस मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल से बातचीत की और अपने फैसले को वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि सेंथिल बालाजी अब मंत्री बने रहेंगे।

बता दें कि सेंथिल पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। 14 जून को ED ने उन्हें गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट ने बालाजी को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कहा जा रहा है राज्यपाल ने सेंथिल को बर्खास्त करने के लिए CM एमके स्टालिन से भी राय-मशविरा नहीं किया था।

फूट फूट कर रोए थे सेंथिल बालाजी

कुछ समय पहले ED ने द्रमुक के कद्दावर नेता सेंथिल बालाजी से जुड़े दफ्तरों में छापेमारी की थी। इसी मामले में बुधवार को सेंथिल बालाजी से काफी देर पूछताछ भी की। हालांकि, बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

इससे पहले सेंथिल बालाजी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें बाई पास सर्जरी कराने की सलाह दी थी। हालांकि, जब उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था तब वो फूट-फूटकर रो रहे थे।

कौन हैं सेंथिल बालाजी?

तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार में ऊर्जा मंत्री सेंथिल बालाजी का जन्म 21 अक्टूबर, 1975 में करूर जिले में हुआ था। उन्होंने 1997 में राजनीति में एंट्री की और फिर पहली बार निकाय चुनाव लड़ा। साल 2000 में सेंथिल बालाजी को पहली बार करूर क्षेत्र से विधानसभा जाने का मौका मिला और अगले चुनाव भी जीत दर्ज की। हालांकि, 2016 में सेंथिल बालाजी ने अरवाकुरिची निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन 2021 में उन्होंने वापस करूर सीट से अपनी किस्मत आजमाई, जहां पर उन्हें सफलता मिली।

अन्नाद्रमुक से हुआ था मोहभंग

सेंथिल बालाजी को अन्नाद्रमुक सरकार की प्रमुख योजनाओं में शामिल 'अम्मा जल' का क्रेडिट हमेशा से दिया जाता रहा है। दरअसल, सेंथिल बालाजी ने साल 2013 में गरीबों को सस्ती दरों पर पानी मुहैया कराया था। हालांकि, जयललिता के निधन के बाद उनका पार्टी से मोहभंग होने लगा था। इसके बावजूद उन्होंने वीके शशिकला-टीटीवी दिनाकरण गुट का समर्थन किया था, लेकिन अंतत: 2018 में उन्होंने अन्नाद्रमुक को अलविदा कहने का मन बनाया।

सेंथिल बालाजी उन नेताओं में से एक थे जिन्होंने आय से अधिक मामले में जयललिता के बरी होने पर अपना सिर मुंडवाकर जश्न मनाया था। ये भी कहा जाता है कि उनके निर्वाचन क्षेत्र की जनता का उनके साथ सीधा जुड़ाव है। इन्हीं कुछ कारणों की वजह से उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगे हुए हैं। हालांकि, सेंथिल बालाजी स्टालिन नीत सरकार में केंद्रीय एजेंसी की इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं।