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Agnipath Scheme Protest: अग्निपथ योजना को लेकर फैलाई जा रहीं कई अफवाह, जानिए- क्‍या है सच्‍चाई

Agnipath Scheme की आलोचना को किया खारिज कहा-सेना की रेजीमेंट व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। पहले जैसी व्‍यवस्‍था जारी रहेगी युवाओं को परेशान होने की कोई आवयकता नहीं है। योजना को सेना और युवाओं दोनों के लिए बताया फायदेमंद।

By TilakrajEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2022 09:51 AM (IST)
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Agnipath Scheme के विरोध में कई राज्‍यों में भारी उपद्रव
नई दिल्‍ली, जेएनएन। सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme Protest) के विरोध में बिहार (Protest in Bihar), उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली-एनसीआर में जमकर उपद्रव किया गया। इस दौरान जगह-जगह चक्काजाम, तोड़फोड़ व आगजनी हुई। कुछ जगह ट्रेन (Train) की पटरियां उखाड़ दी गईं। दरअसल, अग्निपथ योजना को लेकर कुछ लोग मिथक तथ्‍य फैला रहे हैं। इन तथ्‍यों की वजह से भी युवाओं में गलत संदेश जा रहा है। ऐसे में मोदी सरकार (Modi Govt) और सेना (Indian Army) ने लोगों के भ्रम को दूर करने की कोशिश की है।

मिथक बनाम तथ्‍य

- अग्निपथ योजना की आलोचना को किया खारिज, कहा-सेना की रेजीमेंट व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। पहले जैसी व्‍यवस्‍था जारी रहेगी, युवाओं को परेशान होने की कोई आवयकता नहीं है।

- योजना को सेना और युवाओं दोनों के लिए बताया फायदेमंद।

- वर्तमान और पूर्व सैन्य अधिकारियों से सघन विचार-विमर्श के बाद लाई गई योजना।

सशस्त्र बलों में गतिशीलता आएगी

फेसबुक पोस्ट में पीआइबी ने कहा है, यह योजना सशस्त्र बलों में नई गतिशीलता लाएगी। यह सेनाओं को नई क्षमता लाने और युवाओं के तकनीकी कौशल और नई सोच का लाभ उठाने का मौका देगी। इससे युवाओं को भी देश सेवा का मौका मिलेगा।

चार साल बाद युवाओं के सामने होंगे कई विकल्प

चार साल की सेवा के बाद प्रत्येक अग्निवीर को ‘सेवा निधि पैकेज’ से मिलने वाले 11.71 लाख रुपये के वित्तीय पैकेज का उल्लेख करते हुए पीआइबी ने कहा है कि इसे युवा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकेंगे और कोई उद्यम भी शुरू कर सकेंगे। बैंक से लोन दिलाने में भी मदद की जाएगी और दूसरी जगह नौकरी की तलाश में भी सहायता की जाएगी।

समाज के लिए ‘अग्निवीरों’ को खतरा बताना सेना का अपमान

सरकारी अधिकारियों ने इस आलोचना को सख्ती से खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा है कि ‘अग्निवीर’ समाज के लिए खतरा बन सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की बातें सेनाओं के लोकाचार और मूल्यों का अपमान है। अब तक हजारों लोग सेना से रियाटर हुए हैं लेकिन किसी के भी राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ मिलने के उदाहरण नहीं हैं।

अग्निपथ योजना के विरोध में कई राज्‍यों में भारी उपद्रव

बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली-एनसीआर में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन देखने को मिला। बिहार के नवादा में तो भाजपा कार्यालय को ही जला दिया गया। विधायक की गाड़ी पर शीशे तोड़ दिए। वहीं छपरा के नगर भाजपा विधायक डा. सीएन गुप्ता के आवास को निशाना बनाया गया। बिहार में नौ घंटे तक कई रूटों पर ट्रेनों की आवाजाही बंद रही। छपरा में सैलून ट्रेन में आग लगा दी। पुलिस ने करीब 15 राउंड हवाई फायर किए। आरा स्टेशन परिसर में दो बाइकें जलाकर कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान 16 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही करीब 500 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई। बक्सर के डुमरांव स्टेशन पर एसी स्पेशल ट्रेन को नुकसान पहुंचाया गया। भागलपुर स्टेशन के पास पटरी को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। मोतिहारी स्टेशन और बरौनी से बांद्रा जाने वाली अवध एक्सप्रेस पर पथराव किया गया, जिसमें यात्री व जवान जख्मी हो गए। झारखंड के रांची में सेना भर्ती कार्यालय के बाहर युवाओं ने प्रदर्शन किया। उधर, दिल्ली के नांगलोई स्टेशन पर युवाओं ने ट्रेन रोकी। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं को समझाया और पटरी से हटाया। उत्तराखंड में देहरादून से लेकर सीमांत जिले पिथौरागढ़ तक युवा विरोध में उतरे। प्रदर्शनकारियों ने पिथौरागढ़ में पत्थरबाजी की, जिसमें कुछ जवान जख्मी हो गए।