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केंद्र ने राज्य सरकार और टिपरा मोथा के साथ किया त्रिपक्षीय समझौता, अमित शाह बोले- त्रिपुरा के लिए ऐतिहासिक दिन

भारत सरकार त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के अवसर पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आज का दिन त्रिपुरा के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दौरान अमित शाह ने यह भी कहा कि अब हम विवाद मुक्त त्रिपुरा की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में हुए समझौते पर भी प्रकाश डाला।

By Shalini Kumari Edited By: Shalini Kumari Updated: Sat, 02 Mar 2024 03:24 PM (IST)
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केंद्र, त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा के बीच हुआ त्रिपक्षीय समझौता
पीटीआई, नई दिल्ली। राज्य के स्वदेशी लोगों की समस्याओं का स्थायी समाधान लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में शनिवार को टिपरा मोथा, त्रिपुरा और भारत सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया।

केंद्र, त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के अवसर पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आज का दिन त्रिपुरा के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।

'अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनेगा तंत्र'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, सरकार ने इतिहास का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछली गलतियों को सुधारा है और उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए वर्तमान वास्तविकता को स्वीकार किया है।

नई दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "मैं त्रिपुरा के सभी हितधारकों को आश्वस्त करता हूं कि अब आपको अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। भारत सरकार आपके अधिकारों की सुरक्षा के लिए तंत्र बनाने में दो कदम आगे रहेगी।"

गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी इतिहास नहीं बदल सकता, लेकिन हर कोई अपनी पिछली गलतियों से सीख सकता है और आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन, जिसे TIPRA Motha के नाम से जाना जाता है और त्रिपुरा में भाजपा सरकार ने भी इस समझौते के प्रति ईमानदारी से काम किया है।

लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी समझौता

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत, पूर्वोत्तर राज्यों में 11 शांति और सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि विद्रोही समूह नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) के साथ शांति समझौते पर पहले हस्ताक्षर किए गए थे और लोकसभा चुनाव से पहले पूर्वोत्तर के लिए यह आखिरी समझौता होगा।

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प्रद्योत देबबर्ता के अनशन के बाद हुआ फैसला

टिपरा मोथा सुप्रीमो प्रद्योत देबबर्मा मूल निवासियों की समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग को लेकर 'आमरण अनशन' पर थे। केंद्र सरकार के वार्ताकारों के आश्वासन के बाद वह राष्ट्रीय राजधानी आये और समझौते के लिए राजी हो गए।

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