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PM मोदी कल करेंगे बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे का उद्घाटन, JD(S) बोली- ये था देवेगौड़ा का ड्रीम प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 12 मार्च को बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले ही JD (S) ने एक अभियान शुरू किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि यह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sat, 11 Mar 2023 12:06 PM (IST)
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बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे के उद्घटान से पहले मचा बवाल
बेंगलुरु, एजेंसी। Inauguration of Bengaluru-Mysore Expressway: भारत को बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे (Bangalore-Mysore Expressway) के रूप में एक नया एक्सप्रेसवे मिलने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 12 मार्च को नए मार्ग का उद्घाटन करेंगे।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बेंगलुरू-मैसूर एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से पहले ही JD (S) (Janata Dal (Secular) ने एक अभियान शुरू किया है जिसमें दावा किया गया है कि यह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (former Prime Minister H.D. Deve Gowda) का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था।

बता दें कि मोदी रविवार को एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे और मांड्या जिले में रोड शो और मेगा जनसभा को भी संबोधित करेंगे। जिले को वोक्कालिगा गढ़ माना जाता है और JD (S) इस क्षेत्र से अपनी ताकत प्राप्त करता रहा है। वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा (Karnataka BJP) क्षेत्र के वोट बैंक को साधने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने मांड्या का दौरा किया था और इस संबंध में पार्टी नेताओं के साथ कई बैठकें की थीं। JD (S) ने कर्नाटक के समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ का विज्ञापन जारी किया है जिसमें दावा किया गया है कि बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे देवेगौड़ा का ड्रीम प्रोजेक्ट है।

बेंगलुरू-मैसूर सड़क मार्ग इतना खराब था कि 1983 में बिदादी के पास एक बस दुर्घटना में तमिलनाडु के 23 छात्रों की मौत हो गई थी। छात्र एकेडमिक टूर पर थे और हादसा उस वक्त हुआ जब बस मुड़ रही थी। तब पीडब्ल्यूडी व सिंचाई मंत्री देवेगौड़ा ने फोर लेन सड़क बनवाई थी।

JD (S) का दावा है कि, बाद में, उन्होंने बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे (Bangalore-Mysore Expressway) के लिए रणनीतिक विकल्प अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ संस्थान नियुक्त किया। देवे गोवा ने 1991 में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में बेंगलुरु-मैसूर इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर के लिए काम शुरू किया।

पार्टी ने आगे दावा किया, 1995 में, एक संघ का गठन किया गया था और कर्नाटक सरकार और अमेरिका के मैसाचुसेट्स गवर्नर के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा है कि परियोजना को राज्य और केंद्र में डबल इंजन सरकार के साथ लागू किया गया था।