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AI समय ही नहीं, जान भी बचा रहा; नई तकनीक से केरल में सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी

AI Camera on Kerala Roads एआई कैमरों के चालू होने के बाद केरल में सड़क दुर्घटना मृत्यु दर में कमी देखने को मिली है। कैमरे की मदद से चालान काटने के कारण लोग अब स्तर्कता से गाड़ी चलाने लगे हैं।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Sat, 10 Jun 2023 10:17 AM (IST)
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AI Camera on Kerala Roads केरल में एआई कैमरों से डर रहे लोग।
तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। केरल में एआई की मदद से सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने की बात सामने आई है। परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कैमरों के चालू होने के बाद राज्य में सड़क दुर्घटना के चलते होने वाली मृत्यु की दर में कमी आई है।

मंत्री ने 'सुरक्षित केरल' परियोजना के तहत राज्य भर में स्थापित एआई कैमरों की एक मूल्यांकन बैठक के बाद शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि इन आधुनिक कैमरों की मदद से 5 जून से 8 जून तक 3,52,730 ट्रैफिक नियमों के उल्लंघनों का पता लगाया गया।

कैमरे का दिख रहा डर

दरअसल, केरल की मुख्य सड़कों पर लगे इन कैमरों की वजह में लोग अब स्तर्कता से वाहन चला रहे हैं। मंत्री ने बताया कि कैमरे की मदद से यह पता लगाने में आसानी होती है कि किसने कितनी बार नियमों का उल्लंघन किया।

चार दिनों में एकीकृत परिवहन निगरानी प्रणाली पर 19,790 मामले अपलोड हुए और मोटर वाहन विभाग ने 10,457 उल्लंघनों में चालान जारी किए।

मंत्री ने कहा कि उल्लंघन करने वालों में 7,896 सीट बेल्ट न लगाने वाले यात्री तो 6,153 बिना हेलमेट के सवारी कर रहे थे। इसके अलावा 715 मामले बिना हेलमेट के पिछली सीट पर सवार होने के थे।

मंत्री ने यह कहा

राजू ने कहा, "केरल में प्रति दिन औसतन 12 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, लेकिन एआई कैमरों की स्थापना के बाद यह घटकर 5-8 रह गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 1 सितंबर से भारी वाहनों के चालकों और आगे की सीट पर यात्रियों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य कर दी जाएगी।''

ऐसे मदद करता है AI कैमरा

दरअसल, एआई कैमरों को केरल के परिवहन विभाग ने ट्रैफिक लाइट्स पर लगाया हुआ है। यह कैमरे तकनीकी रूप से इतने तेज हैं कि बिना बेल्ट के गाड़ी चला रहे लोगों, दोपहिया वाहन सवारों और उनके पीछे बैठे लोगों के हेलमेट न पहनने, दुपहिया वाहनों में तीन लोगों के चलने, सभी वाहनों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल और यात्री कारों सहित वाहनों में सीट बेल्ट के इस्तेमाल की मुख्य रूप से जांच करता है।