AIMIM प्रमुख ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल कानून का बचाव करने के लिए PM नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र
PM Narendra Modi को लिखे पत्र में Asaduddin Owaisi ने कहा कि प्रधानमंत्री को पूजा स्थल अधिनियम का बचाव करना चाहिए। अधिनियम के रूप में यह भारत की विविधता को बनाए रखता है। ओवैसी ने अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका के मद्देनजर पत्र लिखा था।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 19 Oct 2022 03:23 PM (IST)
हैदराबाद, आईएएनएस। AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 का बचाव करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में हैदराबाद के सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री अधिनियम का बचाव करना चाहिए। अधिनियम के रूप में यह भारत की विविधता को बनाए रखता है। ओवैसी ने अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मद्देनजर पत्र लिखा था।
सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने में सहायक है अधिनियम
शीर्ष अदालत ने कानून पर केंद्र सरकार का रुख मांगा है। सांसद ने लिखा है कि संसदीय कानून की संवैधानिकता की रक्षा करना कार्यपालिका का सामान्य कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि अधिनियम को पूजा स्थलों के चरित्र की रक्षा के लिए अधिनियमित किया गया था।
इस तरह के प्रावधान के पीछे प्राथमिक उद्देश्य भारत में विविधता और बहुलवाद की रक्षा करना था। यह सुनिश्चित करने के लिए था कि स्वतंत्र भारत उन धार्मिक विवादों से ग्रस्त न हो जो समाज में स्थायी विभाजन का कारण बनते हैं। यह स्पष्ट रूप से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों का प्रतिबिंब था।उन्होंने कहा, "जब इस कानून को संसद में पेश किया गया था, तो इसे समय-समय पर पूजा स्थलों के रूपांतरण के संबंध में उत्पन्न होने वाले विवादों से बचने के लिए आवश्यक उपाय कहा गया था। इसे इस उम्मीद के साथ एक कानून के रूप में अधिनियमित किया गया था कि यह अतीत के घावों को ठीक करेगा और सांप्रदायिक सौहार्द और सद्भावना बहाल करने में मदद करेगा।"