वायुसेना चाहती है राफेल में लगें स्वदेशी 'अस्त्र', भारतीय हथियारों के लिए खुलेगा वैश्विक बाजार
भारत के पास फिलहाल 36 राफेल युद्धक विमान हैं और नौसेना के लिए अन्य 26 राफेल खरीदने के लिए बातचीत शुरू हो गई है। वायुसेना के सर्वोच्च अधिकारी युद्धकाल के लिए स्वदेशी समाधान का दबाव डाल रहे हैं। संघर्ष के समय में हथियारों के मामले में आत्मनिर्भरता एक बड़ी भूमिका निभाएगी। चीन से तनातनी के समय खरीदे गए हथियारों को अब स्वदेशी रूपांतरण की राह पर ले लिया गया है।
नई दिल्ली, एएनआई। भारतीय वायुसेना ने फ्रेंच कंपनी दासौ एविएशन से युद्धक विमान राफेल में 'अस्त्र' मिसाइल जैसे स्वदेशी हथियार लगाने के लिए कहा है। यह कदम नासिर्फ रक्षा क्षेत्र में ''मेक इन इंडिया' की दिशा में बड़ा कदम होगा बल्कि इससे भारतीय हथियारों के लिए वैश्विक बाजार भी खुल जाएगा।
राफेल युद्धक विमानों के लिए आर्डर
दरअसल, राफेल युद्धक विमानों का इस्तेमाल भारत समेत कई देश जैसे फ्रांस, मिस्त्र, कतर आदि करते हैं। जबकि ग्रीस, क्रोएशिया, यूएई और इंडोनेशिया आदि देशों ने राफेल युद्धक विमानों के लिए आर्डर दिया है। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने राफेल के मूल निर्माता दासौ एविएशन को फ्रेंच युद्धक विमान में भारत में निर्मित हथियारों जैसे 'स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन' (एसएएडब्ल्यू) और हवा से हवा में मार करने वाले अस्त्र मिसाइल को लगाने को कहा है।
अस्त्र मिसाइल सौ किमी के दायरे में लक्ष्य भेदने में सक्षम
अस्त्र मिसाइल सौ किमी के दायरे में लक्ष्य भेदने में सक्षम है। लेकिन जल्द ही इसकी क्षमता 'अस्त्र मार्क-2' में बढ़ाकर 160 किमी कर दी जाएगी। इसके बाद के अपग्रेड वर्जन में अस्त्र की मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक होगी। इसी तरह, 'स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन' (एसएएडब्ल्यू) भी 100 किमी की दूरी तक मार कर सकता है। इतना ही नहीं, राफेल में निकट भविष्य में डीआरडीओ के विकसित मिसाइलों और बमों से भी वायुसेना राफेल को लैस करना चाहती है।
राफेल के लिए यहां बन सकता है एक बड़ा बाजार
इसके अलावा, निजी कंपनियों के बनाए लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले बमों समेत कई अन्य घातक हथियारों को उसमें फिट किया जा सकता है। औद्योगिक क्षेत्र के सूत्रों का कहना है कि क्षमता और भारतीय शस्त्र प्रणाली की कीमतों को देखते हुए राफेल के लिए यहां एक बड़ा बाजार बन सकता है। भारतीय शस्त्र प्रणालियों को पहले ही एसयू-30 एमकेआइ युद्धक विमान और घातक एलसीए तेजस से संबद्ध किया जा चुका है।
भारत के पास 36 राफेल युद्धक विमान
भारत के पास फिलहाल 36 राफेल युद्धक विमान हैं और नौसेना के लिए अन्य 26 राफेल खरीदने के लिए बातचीत शुरू हो गई है। वायुसेना के सर्वोच्च अधिकारी युद्धकाल के लिए स्वदेशी समाधान का दबाव डाल रहे हैं। संघर्ष के समय में हथियारों के मामले में आत्मनिर्भरता एक बड़ी भूमिका निभाएगी। चीन से तनातनी के समय खरीदे गए कई हथियारों को अब स्वदेशी रूपांतरण की राह पर ले लिया गया है। राफेल भारतीय वायुसेना में वर्ष 2020 से शामिल किया जा चुका है।