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चिकित्सा उपकरण लेने चीन रवाना हुआ एयर इंडिया B787 विमान

चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करने के लिए चीन रवाना हुआ भारतीय विमान।

By Nitin AroraEdited By: Updated: Sat, 18 Apr 2020 12:24 PM (IST)
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चिकित्सा उपकरण लेने चीन रवाना हुआ एयर इंडिया B787 विमान

नई दिल्ली, एएनआइ। चीन से चिकित्सा उपकरण लेने के लिए एयर इंडिया का B787 विमान गुआंगज़ौ जा रहा है। हाल ही में दिल्ली एयर कार्गो के जरिये चीन से 250000 किट भारत आ गई हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, डायग्नोस्टिक किट के 522 पैकेट चीन से भारत आए हैं, जिनमें 250000 किट हैं। इससे पहले भी कोरोना वायरस संक्रमण की जांच में तेजी लाने के लिए भारत ने चीन से टेस्टिंग किट मंगाई थी। बृहस्पतिवार सुबह कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली बड़ी मात्रा में किट की पहली खेप रवाना कर दी गई थी। इस खेप में कुल 650,000 टेस्टिंग किट हैं। इसमें रैपिड एंडीबॉडी टेस्ट (rapid anti-body tests) और आरएनए एक्सट्रैक्शन किट्स (RNA extraction kits ) भी शामिल हैं। इस कड़ी में 250,000 का पहला लॉट है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक, लाइफलाइन उडान के तहत एयर इंडिया, अलायंस एयर, IAF और निजी वाहक द्वारा 274 उड़ानें संचालित की गई हैं। इनमें से 175 उड़ानें एयर इंडिया और एलायंस एयर द्वारा संचालित की गई हैं। अब तक पहुंचाया गया कार्गो लगभग 463.15 टन है।

चीन से फैले कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में अब तक एक लाख 54 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं और संक्रमित मरीजों की संख्या 22 लाख 50 हजार से ज्यादा हो गई है जबकि पांच लाख 71 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। हालांकि, अब हालात बदल चुके हैं। अब दुनिया के कई देश चीन से प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट्स की खरीद का ऑर्डर दे रहे हैं। दूसरी तरफ कई देशों ने चीन से आई प्रोटेक्टिव इक्‍यूपमेंट की खेप को खराब क्‍वालिटी की वजह से लेने से इनकार कर दिया है। कई देशों ने आरोप भी लगाया है कि चीन की कंपनियां मुनाफे के लिए खराब इक्‍यूपमेंट्स की सप्‍लाई कर रही हैं। हालांकि चीन इन आरोपों का शुरुआत से खंडन करता रहा है।

खराब क्वालिटी की शिकायत के बाद चीन जांचने में जुटा

चीन द्वारा भेजे गए तमाम मेडिकल सामानों की गुणवत्ता को लेकर एक के बाद एक शिकायतें सामने आई हैं। इसी कारण चीन के अधिकारियों ने एन-95 मास्क, वेंटीलेटर और अन्य मेडिकल उपकरणों के निर्यात के पहले इनकी हर खेप की निगरानी तेज कर दी है। जिससे कोरोना वायरस से निपटने की कोशिश कर रहे देशों के अस्पतालों में इनकी आपूर्ति में देरी हो सकती है।