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Air India: विमानन क्षेत्र में एअर इंडिया का मेगा प्लान, एयरबस व बोइंग से और विमान खरीद सकती है भारतीय कंपनी

मंगलवार (14 फरवरी) को दुनिया की दो दिग्गज विमान मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से संयुक्त तौर पर 470 विमान खरीदने का एयर इंडिया का फैसला भले ही अभी विश्व में विमान खरीदने का सबसे बड़ा फैसला हो लेकिन एयर इंडिया के लिए यह अंतिम फैसला नहीं है। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 15 Feb 2023 07:49 PM (IST)
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एयरबस व बोइंग से और विमान खरीद सकती है एयर इंडिया।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। एअर इंडिया दिग्गज वैश्विक विमानन कंपनी बनने का लक्ष्य लेकर चल रही है और इसी के तहत उसने दुनिया की दो दिग्गज विमान मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से संयुक्त तौर पर 470 विमान खरीदने का फैसला किया है।

खास बात यह है कि विमानों की खरीद का यह फैसला अंतिम नहीं है और भविष्य में कंपनी और विमान भी खरीद सकती है। हालांकि, विमानों की नई खेप की खरीद का फैसला कंपनी अगले पांच वर्षों के अपने संचालन के आधार पर करेगी।

कंपनी ने मंगलवार को एयरबस से 240 और बोइंग से 230 यात्री विमान खरीदने का समझौता किया था। इन कंपनियों के साथ हुए समझौते में इस बात का भी जिक्र है कि जिन शर्तों पर उक्त विमानों की खरीद की जा रही है, उन्हीं शर्तों और कीमतों पर एअर इंडिया को और विमानों की आपूर्ति की जाएगी।

एअर इंडिया खरीद सकती है 50 और विमान

बोइंग के साथ हुए समझौते के मुताबिक, एअर इंडिया उससे 50 और विमान खरीद कर सकेगी। एअर इंडिया के सूत्रों ने बताया कि सरकार से कंपनी की हिस्सेदारी हासिल करने से पहले ही टाटा समूह ने एविएशन सेक्टर को लेकर मध्यकालिक और दीर्घकालिक रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया था।

टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस तरह के संकेत मंगलवार को दिए थे। एयरबस और बोइंग से 470 विमानों की खरीद इस रणनीति के तहत उठाया गया दूसरा सबसे अहम फैसला है। पहला अहम फैसला एअर इंडिया में भारत सरकार की हिस्सेदारी को खरीदना था।

कंपनी का आकलन है कि वैश्विक एविएशन सेक्टर में जिस तरह से बदलाव हो रहा है उसमें एअर इंडिया शीर्ष की एविएशन कंपनी बनने की क्षमता रखती है। यही वजह है कि कंपनी ने लंबी यात्राओं में इस्तेमाल होने वाले 70 विमानों को खरीद करने का फैसला किया है। जबकि शेष 400 विमान घरेलू मांग या भारत के नजदीकी देशों में सेवा देने के लिए खरीदे जा रहे हैं।

अभी एअर इंडिया के पास 117 विमान

एयरबस की तरफ से वर्ष 2022 में एक आकलन पेश किया गया था कि भारत को अगले दो दशकों में 2200 विमानों की जरूरत होगी। इसमें 450 लंबी दूरी के उड़ानों के लिए और 1750 घरेलू मांग के लिए जरूरी होंगे। पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है कि अगले 15 वर्षों में भारत को दो हजार विमानों की जरूरत होगी।

बता दें कि एयर इंडिया को वैसे तो नए विमानों की आपूर्ति वर्ष 2023 के अंत से शुरू हो जाएगी, लेकिन ज्यादातर विमानों की आपूर्ति वर्ष 2025 से शुरू होगी। अभी एअर इंडिया के पास अपने 117 विमान हैं जबकि इसकी तीन सहायक कंपनियों विस्तार, एयर एशिया ओर एअर इंडिया एक्सप्रेस के विमानों को मिला दिया जाए तो कुल संख्या 227 हो जाती है।

नए विमानों को जोड़ दिया जाए तो कंपनी के पास अगले पांच-छह वर्षों में कुल विमानों की संख्या 650 से 700 के करीब होगी। ऐसे में कंपनी नए विमानों की जरूरत का आकलन वर्ष 2026-27 में करने की स्थिति में होगी।

विमान खरीदने के लिए बाजार से जुटाएगी फंड

मौजूदा 470 विमानों की खरीद के लिए आवश्यक वित्त सुविधाओं का इंतजाम भी करना है। आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं बताया गया है लेकिन मोटे तौर पर अनुमान है कि 470 नये विमानों की खरीद के लिए टाटा समूह को कुल 80 अरब डालर (लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये) का इंतजाम करना होगा। इसके लिए कुछ राशि का इंतजाम आंतरिक स्रोतों से किया जाएगा, जबकि बड़े हिस्से का इंतजाम कंपनी बाजार से करेगी।

यह समझौता भारत के एविएशन सेक्टर को नई ऊंचाई देगा। साथ ही फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के मैन्यूफैक्च¨रग सेक्टर को नया बल देगा। यही वजह है कि पीएम नरेन्द्र मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस सौदे को ऐतिहासिक बताया है।

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