Air Pollution: दिवाली से पहले दिल्ली-NCR में सांसों पर संकट! पराली का धुआं धीरे-धीरे दे रहा दस्तक
Air Pollution In Delhi NCR AQI Latest Update पंजाब व हरियाणा ने छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पराली जलाने पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की गारंटी दी है। बावजूद इसके पंजाब में पराली जलाने की रफ्तार अब तक पिछले साल से भी तेज है। बताते चलें मौजूदा समय में एनसीआर की हवा साफ बनी हुई है जहां पीएम 10 का स्तर करीब 70 से 80 के बीच है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनसीआर को जहरीली हवाओं से बचाने के लिए वैसे तो हर साल की तरह इस बार भी खूब दावे किए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी पंजाब में पराली जलाना शुरू हो गया है। इसकी रफ्तार पिछले साल के मुकाबले तेज है। पिछले साल सितंबर में पराली जलाने की करीब 50 घटनाएं ही रिपोर्ट हुई थीं, लेकिन इस बार अब तक 120 घटनाएं रिपोर्ट की जा चुकी हैं।
इसके साथ ही आने वाले दिनों में मौसम के मिजाज में जिस तरह का बदलाव और पराली जलाने की घटनाओं में तेजी का अनुमान है, उसके हिसाब से 17 अक्टूबर के बाद एनसीआर की हवा हर साल की तरह जहरीली हो सकती है।
पराली के धुएं से वायु प्रदूषण
पराली के धुएं से वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है। यह स्थिति करीब एक महीने यानी 17 नवंबर तक बनी रह सकती है। वायु प्रदूषण की सबसे गंभीर स्थिति दीपावली के आसपास देखने को मिल सकती है।प्रभावी अंकुश लगाने की तैयारी
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने अपने पिछले सालों के अनुभवों को देखते हुए पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान को इस अवधि को लेकर सतर्क किया है। उसने पराली जलाने की घटनाओं पर रोकथाम लगाने व वायु प्रदूषण बढ़ाने वाली स्थानीय वजहों पर भी प्रभावी अंकुश लगाने को कहा है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण क्यों होता है?
- वैसे भी एनसीआर में हर साल बढ़ने वाले वायु प्रदूषण में पराली के धुएं की मात्रा करीब 40 प्रतिशत तक ही रहती है। बाकी 60 प्रतिशत में वाहनों के निकलने वाले धुएं, निर्माण व सड़कों से उठने वाली धूल आदि शामिल होती।
- खास बात यह है कि एनसीआर में इस सीजन में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति हर साल निर्मित होती है। जहरीली हवाओं के चलते लोगों को सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
- हर साल लोगों को इस संकट से बचाने के लिए ढेर सारी योजनाएं बनती हैं, खूब बैठकें होती हैं। लेकिन स्थिति कमोबेश जस की तस ही देखने को मिलती है।