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Air Pollution: देश में 40 प्रतिशत आबादी की सांसों पर संकट, दिल्ली में हवा हुई खतरनाक; पहाड़ों पर भी दिखा असर

जहरीली हवा के कारण सोमवार को पंजाब से लेकर बंगाल तक देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी की सांसों पर संकट गहरा गया। उत्तर में अमृतसर से लेकर पूर्व में बंगाल के आसनसोल तक वायु गुणवत्ता चिंताजनक रही।खराब वायु गुणवत्ता की बात करें तो अमृतसर में 312 फरीदाबाद में 412 गाजियाबाद में 391 लखनऊ में 251 पटना में 265 आसनसोल में 215 और धनबाद में 255 एक्यूआई दर्ज किया गया।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 07 Nov 2023 12:45 AM (IST)
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Air Pollution: देश में 40 प्रतिशत आबादी की सांसों पर संकट, दिल्ली में हवा हुई खतरनाक (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। जहरीली हवा के कारण सोमवार को पंजाब से लेकर बंगाल तक देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी की सांसों पर संकट गहरा गया। उत्तर में अमृतसर से लेकर पूर्व में बंगाल के आसनसोल तक वायु गुणवत्ता चिंताजनक रही।

सेटेलाइट चित्रों में गंगा के संपूर्ण मैदानी क्षेत्र से सटे शहरों में हानिकारक धुंध देखी गई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 421 रहा, जबकि राजस्थान के भिवाड़ी में यह आंकड़ा 433 तक पहुंच गया।

अमृतसर से धनबाद तक असर

खराब वायु गुणवत्ता की बात करें तो अमृतसर में 312, फरीदाबाद में 412, गाजियाबाद में 391, लखनऊ में 251, पटना में 265, आसनसोल में 215 और धनबाद में 255 एक्यूआई दर्ज किया गया। बता दें, 50 तक एक्यूआई को स्वास्थ्य के लिए ठीक माना जाता है, जबकि 151 से 200 तक यह मध्यम खराब की श्रेणी में पहुंच जाता है। 301 से 400 बहुत खराब और 401 से अधिक एक्यूआई अति गंभीर माना जाता है।

त्रिपुरा, महाराष्ट्र और गुजरात भी जद में

सर्दी आते ही हवा का मिजाज बिगड़ने की ताजा तस्वीर डराती है, जिसमें यह हानिकारक धुंध उत्तर पूर्व में असम के बिरनीहाट और त्रिपुरा के अगरतला तक लोगों के लिए मुश्किल का सबब बन रही है। बिरनीहाट में सोमवार में एक्यूआई 293 और अगरतला में 224 रहा। मध्य, पश्चिम और पूर्वी भारत के शहर भी खराब हवा की मार से कराहने लगे हैं। इसमें मध्य प्रदेश के ग्वालियर (286), महाराष्ट्र के नवी मुंबई (261) और उल्हासनगर (269), गुजरात का अंकलेश्वर (216) और ओडिशा का अंगुल (242) शामिल हैं।

कहीं पराली तो कहीं स्थानीय प्रदूषक हैं कारण

गंगा वाले क्षेत्रों में पराली जलाने, मौसमी परिस्थितियों और भौगोलिक स्थितियों को खराब वायु गुणवत्ता का प्रमुख कारण माना जाता है जबकि देश के अन्य क्षेत्रों में इसके लिए उद्योग और वाहनों का प्रदूषण, धूल और कचरा जलाने जैसे स्थानीय कारण जिम्मेदार माने जाते हैं।

यह भी पढ़ें- What is Odd Even: दिल्ली में लागू हुआ ऑड-ईवन फॉर्मूला क्या है, इससे पहले राजधानी में कब-कब लगाया गया?

यूं बिगड़ रही हवा

राज्य-   शहर-   AQI

पंजाब-  बठिंडा-     288

            जालंधर-    222

            लुधियाना-  282

            खन्ना-        225

राज्य-     शहर-     AQI

हरियाणा- फतेहाबाद- 422

                गुरुग्राम -   384

                जींद-        381

                हिसार-      377

उत्तर प्रदेश- ग्रेटर नोएडा- 420

                  नोएडा-        384

                  मेरठ-          354

राजस्थान-    भरतपुर-     319

                  श्रीगंगानगर-  310

                   धौलपुर-      357

बिहार-           पटना-    265

                      आरा-    276

                     राजगीर- 312

                     सहरसा- 306

मध्य प्रदेश-     इंदौर-    214

                     कटनी-   216

दिल्ली में 13 नवंबर से ऑड-ईवन व्यवस्था

दिल्ली में सोमवार को एक्यूआई में आंशिक सुधार रहा, लेकिन वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में रही। रविवार को एक्यूआइ 454 था, जो सोमवार को 421 रहा। दिल्ली सरकार ने 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू करने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उच्चस्तरीय बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेसवार्ता में बताया कि ऑड वाले दिन सिर्फ 1, 3, 5, 7, 9 और ईवन वाले दिन 0, 2, 4, 6, 8 नंबर की गाड़ियां चलेंगी। पांचवीं कक्षा तक के स्कूल पहले ही बंद रखने के आदेश दिए जा चुके हैं। अब 6वीं, 7वीं, 8वीं, 9वीं और 11वीं की कक्षाएं भी 10 नवंबर तक बंद रहेंगी। पढ़ाई ऑनलाइन होगी। 10वीं और 12वीं कक्षाएं जारी रहेंगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार को दिल्ली के ज्यादातर क्षेत्रों का एक्यूआई 'बहुत खराब' या 'गंभीर' श्रेणी में रहा। राजधानी की हवा में इस समय सामान्य से लगभग चार गुना ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद हैं।

पहाड़ी प्रदेश तक भी असर

आमतौर पर साफ रहने वाली पहाड़ों की हवा भी खराब हो रही है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार को एक्यूआई 144 पहुंच गया। मौसम व प्रदूषण की निगरानी करने वाली संस्था एक्यूवेदर ने यह आंकड़ा जारी किया जो कि एक सप्ताह पूर्व 98 आंका गया था। अगले कुछ दिन में एक्यूआई में वृद्धि होने की आशंका है। मौसम सर्द होने के साथ ही दून समेत ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता प्रभावित होने लगी है। जबकि इन दिनों प्रदेश में मौसम शुष्क है।

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